दिवाली के दिन यहां होती है कुत्तों की पूजा, खिलाया जाता है मन पसंद भोजन

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हिन्दू पंचांग में दिवाली पर्व का विशेष महत्व है। इस पर्व को हिन्दू धर्म में काफी धूम-धाम से मनाया जाता है। इस दिन माता लक्ष्मी और गणेश की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।  इस बार दिवाली का पर्व 4 नवंबर दिन गुरुवार को मनाया जाएगा।  दिवाली का त्योहार भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया के अन्य कई देशों में भी मनाया जाता है।  हालांकि हर देश में इस त्योहार को मनाने का अपना अलग अंदाज होता है।

dog worship

भारत के पडोसी देश नेपाल में भी दिवाली का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है।  यहां दिवाली को एक खास अंदाज में मनाने की परंपरा है। दिवाली के दिन नेपाल में देवी-देवताओं के साथ ही जानवरों की भी पूजा की जाती है। यहां इस दिन कुत्तों की पूजा विशेष रूप से की जाती है। इस दिन कुत्तों को माला पहनाकर और सजाया जाता है और उनकी पूजा की जाती है। इसके अलावा उन्हें खाने के लिए पसंदीदा पकवान जैसे कि दूध, फल, ब्रेड, अंडा खिलाकर उन्हें दावत भी दी जाती है।

मान्यता है कि लंका पर विजय प्राप्त करने के बाद जब भगवान राम ने 14 वर्ष का वनवास पूरा कर लिया और वह अयोध्या वापस आये थे उसी के उपलक्ष्य में दिवाली का पर्व मनाया जाता है। नेपाल में दिवाली को तिहार के नाम से जाना जाता है। यहाँ दीवाली पर्व को कुकुर तिहार के रूप में मनाने की मान्यता है। तिहार के दिन नेपाल में दीपोत्सव का आयोजन होता है और भारत की तरह ही घरों को रोशनी और दीयों से सजाया जाता है। यहां ये पर्व 4-5 दिन तक चलता है और दिवाली के दूसरे दिन कुकुर तिहार का आयोजन किया जाता है। इस दिन कुत्तों की पूरी खातिर की जाती है और माला पहनाने के साथ गुलाल लगाकर उनका सम्मान किया जाता है।

इसलिए की जाती है कुत्तों की पूजा?

कुत्तों की यम देव का संदेशवाहक माना जाता है। कहते हैं महाभारत काल में कुत्ते ने ही युधिष्ठिर के साथ स्वर्ग लोक की यात्रा की थी। नेपाल में मान्यता है कि कुत्ता जीवनभर वफादारी से इंसान की रक्षा करते हैं और मरने के बाद भी वह अपने मालिक का ख्याल रखते हैं. यही वजह है कि कुकुर तिहार के दिन उनको सम्मानित किया जाता है।

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