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Up kiran,Digital Desk : शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव को देखकर अगर आप भी कन्फ्यूज हैं कि पैसा कहां लगाएं, तो यह रिपोर्ट आपके लिए ही है। पिछले कुछ समय में मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों (Mid and Small Cap Shares) ने जबरदस्त दौड़ लगाई है। कीमतें इतनी बढ़ गई हैं कि अब एक्सपर्ट्स भी कहने लगे हैं—"थोड़ा संभलकर रहने की जरूरत है।"

बाजार के जानकारों का मानना है कि ऐसे माहौल में समझदारी इसी में है कि छोटी-बड़ी छलांग लगाने के बजाय, स्थिरता चुनी जाए। और स्थिरता मिलती है 'लार्ज कैप फंड्स' (Large Cap Funds) में। यहाँ हम आपको एक ऐसे ही पुराने और भरोसेमंद फंड के बारे में बता रहे हैं जिसने पिछले 17 सालों में अपने निवेशकों को करोड़पति बना दिया है।

आइए, आसान भाषा में समझते हैं इस फंड का पूरा गणित और एक्सपर्ट्स की राय। अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं या करने की सोच रहे हैं, तो आपने जरूर नोटिस किया होगा कि पिछले एक-दो सालों में छोटी कंपनियों (Small & Mid Cap) ने अंधाधुंध रिटर्न दिया है। लेकिन बाजार का नियम है—जो जितनी तेजी से ऊपर जाता है, रिस्क भी वहां उतना ही ज्यादा होता है।

आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल (ICICI Prudential) के फंड मैनेजर अनिश तवाकले एक बहुत पते की बात कहते हैं। उनका मानना है कि जब बाजार का मौसम 'अशांत' हो, यानी कुछ पक्का न पता हो, तो लार्ज कैप कंपनियों में पैसा लगाना सबसे सुरक्षित होता है। ये बड़ी कंपनियां मुश्किल वक्त में ढाल बन जाती हैं और लंबी अवधि में वेल्थ (संपत्ति) बनाने में मदद करती हैं।

तूफान में भी खड़ा रहा यह फंड

जब लार्ज कैप की बात आती है, तो 'आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लार्ज कैप फंड' का नाम सबसे ऊपर आता है। यह फंड कोई नया नहीं है, मई 2008 में शुरू हुआ था। यानी इसने 17 साल का लंबा सफर तय किया है।

इस फंड की खासियत यह है कि इसने 2008 की भयंकर आर्थिक मंदी देखी और 2020 का कोविड संकट भी झेला, फिर भी यह डगमगाया नहीं। फंड मैनेजर बताते हैं कि वो अपने पोर्टफोलियो में सिर्फ उन्हीं कंपनियों को जगह देते हैं, जिनका मुनाफे का ट्रैक रिकॉर्ड असली और मजबूत होता है। आज इस फंड के पास 75,863 करोड़ रुपये का मैनेजमेंट एसेट (AUM) है, जो लोगों के भरोसे को दिखाता है।

निवेशकों को कैसे बनाया करोड़पति?

आंकड़े झूठ नहीं बोलते। जरा इस फंड के रिटर्न के गणित को देखिये, आप हैरान रह जाएंगे

एकमुश्त निवेश (Lump Sum): अगर किसी ने 23 मई 2008 को इसमें 10 लाख रुपये लगाए होते, तो इस साल 31 अक्टूबर तक वह रकम बढ़कर 1.13 करोड़ रुपये हो चुकी होती। यानी सालाना करीब 15% का चक्रवृद्धि (CAGR) रिटर्न। जबकि बेंचमार्क (निफ्टी-100) में यह रकम केवल 68.9 लाख ही होती।

SIP वालों की भी बल्ले-बल्ले

ऐसा नहीं है कि सिर्फ एक साथ पैसा लगाने वालों ने कमाया। जिसने हर महीने थोड़ा-थोड़ा जोड़ा, वो भी फायदे में रहा।

  • अगर किसी ने शुरुआत से 10,000 रुपये महीने की SIP की होती, तो कुल जमा पूंजी 21 लाख रुपये होती। लेकिन आज उस पैसे की वैल्यू बढ़कर 95.8 लाख रुपये हो गई है। यहाँ रिटर्न 15.5% का रहा, जो बैंक एफडी या पीपीएफ से कहीं ज्यादा है।

3 साल के रेस में कौन है आगे?

वैल्यू रिसर्च (Value Research) के आंकड़े बताते हैं कि पिछले 3 सालों के रिटर्न के मामले में भी यह फंड अपने साथियों से काफी आगे रहा है:

  • ICICI Prudential: 18.43%
  • HDFC Large Cap: 15.89%
  • Kotak: 15.67%
  • SBI: 14.42%

लार्ज कैप ही क्यों चुनें?

सबसे बड़ा कारण है— सुरक्षा। लार्ज कैप फंड देश की टॉप-100 बड़ी कंपनियों में पैसा लगाते हैं। चाहे रिलायंस हो, टीसीएस या इंफोसिस। इन कंपनियों की नींव मजबूत होती है। इसलिए मिडकैप या स्मॉलकैप के मुकाबले यहाँ पैसा डूबने का डर कम होता है। अगर आप बिना बीपी (Blood Pressure) बढ़ाए अच्छा रिटर्न चाहते हैं, तो लार्ज कैप फंड्स एक बेहतरीन विकल्प हो सकते हैं।