नई दिल्ली: पुराने समय में पीने के पानी को स्टोर करने के लिए धातु के बर्तनों का इस्तेमाल किया जाता था. तांबे के बर्तनों का इस्तेमाल मुख्य रूप से पानी रखने के लिए किया जाता था। कॉपर में एंटीमाइक्रोबियल, एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-कार्सिनोजेनिक जैसे कई मिनरल्स मौजूद होते हैं जो सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। यही कारण है कि आयुर्वेद हमें पीने के पानी के लिए तांबे के बर्तन का उपयोग करने की सलाह देता है।
तांबे के बर्तन में पानी पीने के फायदे
पाचन तंत्र को बनाएं मजबूत :
तांबे के बर्तन में पानी पीने से पेट, लीवर और किडनी डिटॉक्स होता है। तांबे में कुछ ऐसे गुण होते हैं जो पेट में जलन पैदा करने वाले बैक्टीरिया को खत्म कर देते हैं, जिससे अल्सर या संक्रमण की समस्या नहीं होती है।
घाव जल्दी भरता है
तांबे में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण घाव को तेजी से ठीक करते हैं। इसके अलावा कॉपर इम्युनिटी बढ़ाकर नई कोशिकाओं को जन्म देता है।
बुढ़ापा कम करें
तांबे में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट चेहरे के दाग-धब्बों को दूर करता है। इससे आप खूबसूरत भी दिखती हैं और चेहरे की झाइयां भी कम होती हैं।
एनीमिया को दूर रखें
अगर आप एनीमिया से पीड़ित हैं तो तांबे में पानी पीना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है क्योंकि यह आपको कोशिका निर्माण से एनीमिया की कमी को दूर करने में मदद करता है।
गठिया और जोड़ों के दर्द से दिलाएं राहत
तांबे में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण दर्द से राहत दिलाते हैं। गठिया और जोड़ों के दर्द से पीड़ित लोगों को तांबे के बर्तन में पानी जरूर पीना चाहिए। इसके अलावा तांबे का पानी हड्डियों और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखता है।
इतना ही नहीं सुबह खाली पेट तांबे के बर्तन में पानी पीने से भी मोटापा कम होता है। यह आपके मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मददगार है।