एक प्रश्न आज कल सभी भारतीयों के मन में खटकता है जो नई गाड़ी खरीदने की योजना बना रहे हैं। कई लोग उन्हें मशवरा देते हैं कि भविष्य में इलेक्ट्रिक गाड़ियों (Electric Vehicle) का ही चलन है, तो उसी में रुपए खर्च करो।
तो वहीं काफी लोग मशवरा देते हैं कि Electric वाहनों के लिए अभी देश तैयार नहीं है और इसे खरीदने पर कई परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। आईय़े जानते हैं कि आखिर क्यों बैट्री वाले वाहन लोगों के लिए सरदर्द हैं।
Electric वाहनों की प्राइस पेट्रोल या डीज़ल गाड़ियों की तुलना में अधिक होती है. इन वाहनों में लीथियम आयन बैट्रियों का उपोयग किया जाता है. ये बैट्रियां 4 से 5 साल तक ही चल पाती हैं. इसके बाद महंगी बैट्रियां बदलनी पड़ती है। Electric वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन भी पर्याप्त हमारे देश में नहीं हैं। सबसे बड़ी समस्या इसके माइलेज कि अगर दूर जाना है तो Electric वाहन कभी भी आपको धोखा दे सकते हैं क्योंकि इसका माइलेज 70 से 80 किलोमीटर होता है। उल्लेखित कारण चलते हमारे देश में Electric वाहन लोगों के लिए किसी मुसीबत से कम नहीं है।
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