नई दिल्ली॥ नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) भले ही अब अमल में आ गया हो लेकिन देश के कुछ ऐसे हिस्से भी हैं जहां ये कानून लागू नहीं होगा। दरअसल, नागरिकता संशोधन कानून सीएए का पूर्वोत्तर में जबरदस्त विरोध देखा गया। असम, मेघालय सहित कई राज्यों में लोग सड़कों पर उतर आए।
मोदी सरकार ने यहां इनर लाइन परमिट जारी किया है। इसके कारण ये नियम यहां लागू नहीं होंगे। इन लाइन परमिट एक यात्रा कागजात है, जिसे हिंदुस्तान सरकार अपने नागरिकों के लिए जारी करती है, ताकि वो किसी संरक्षित क्षेत्र में निर्धारित समय के लिए यात्रा कर सकें।
होम मिनिस्टर शाह ने संसद में अपने भाषण में दावा किया था कि लाखों-करोड़ों ऐसे लोग हैं जिन्हें इस कानून से लाभ मिलेगा। नया कानून सभी शरणार्थियों पर लागू होगा। मोदी सरकार की तरफ से एक कटऑफ तारीख भी तय की गई है कि 31 दिसंबर 2014 से पहले आए सभी हिंदू, जैन, बौद्ध, सिख, ईसाई, पारसी शरणार्थियों को हिंदुस्तान की नागरिकता मिल जाएगी।
नागरिकता अधिनियम, 1955 में बदलाव करने के लिए मोदी सरकार CAA लेकर आई। बिल को संसद में पास करवाया गया और राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह कानून बन गया। अब सरकार ने इसका नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है।
CAA 10 दिसंबर को लोकसभा और उसके एक दिन बाद राज्यसभा में पारित हुआ था। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद 12 दिसंबर को यह कानून बन गया। देश में कई जगहों पर CAA को लेकर विरोध प्रदर्शन देखने को मिला है। वहीं नागरिकता कानून पर देश के कई इलाकों में हिंसा भी देखने को मिली है। इतना ही नहीं कई कांग्रेस शासित राज्य सरकारों ने भी CAA का विरोध किया।