इस वजह से चीन छोड़कर भागीं कोरोना साइंटिस्ट, कहा- मुझे…

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कोरोना वायरस को लेकर चीन पर हमेशा से ही आरोप लगते हुए आया है, आपको बता दें कि ऐसे में एक प्रमुख चीनी साइंटिस्ट ने कहा है कि जब चीन ने कोरोना वायरस के बारे में दुनिया को बताया उससे काफी पहले से चीन को वायरस के बारे में पता था. साइंटिस्ट डॉ. ली मेंग यान ने कहा कि सुपरवाइजर ने उनकी रिसर्च को भी नजरअंदाज कर दिया जिससे लोगों की जिंदगी बच सकती थी.

गौरतलब है कि अप्रैल 2020 के आखिर में ली मेंग यान हॉन्ग कॉन्ग से भागकर अमेरिका चली गईं. ली मेंग हॉन्ग कॉन्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में वायरोलॉजी और इम्यूनोलॉजी की एक्सपर्ट रही हैं. ली ने कहा कि कैंपस से निकलते वक्त उन्होंने बेहद सावधानी बरती ताकि सेंसर और कैमरों की नजर से बच सकें.

ली मेंग यान को  डर था कि अगर पकड़ी गईं तो जेल में डाली जा सकती हैं या फिर उन्हें ‘गायब’ भी किया जा सकता है.अमेरिकी टीवी चैनल फॉक्स न्यूज से बात करते हुए ली मेंग यान ने कहा कि चीन की सरकार उनकी प्रतिष्ठा को खत्म करने की कोशिश कर रही है और उन्हें चुप कराने के लिए साइबर अटैक करवाए जा रहे हैं. फिलहाल वह अज्ञात स्थान पर रह रही हैं.

वहीँ ली मेंग यान ने कहा कि उन्हें अपनी जिंदगी खतरे में महसूस हो रही है और उन्हें डर है कि वे अब कभी अपने घर लौट नहीं पाएंगी. उन्होंने कहा कि अगर वे कोरोना से जुड़ी सच्चाई चीन में बतातीं तो उन्हें गायब करके मार दिया जाता.यान ने दावा किया कि वे दुनिया के चुनिंदा साइंटिस्ट में शामिल थीं जिन्होंने सबसे पहले कोरोना वायरस पर स्टडी की. उन्होंने कहा कि चीन ने दिसंबर 2019 में हॉन्ग कॉन्ग के एक्सपर्ट को भी कोरोना पर रिसर्च करने से रोक दिया था. इसके बाद उन्होंने अपने जानने वालों से कोरोना की जानकारी जुटाई.

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