चंद्रयान के जरिए भारत बहुत बड़ा इतिहास रचने वाला भारत का तिरंगा चांद पर लहराएगा। यह भारत के हर नागरिक के लिए बहुत ही गर्व की बात है। आज भारत स्पेस के मामले में भी फतह हासिल कर रहा है। वैसे तो सभी देशों की स्पेस एजेंसियों की दिलचस्पी चांद में है। आज के समय दुनिया के सभी देशों की स्पेस एजेंसियां अंतरिक्ष में छलांग लगाने में लगी हैं। पांच दशक पहले चांद पर जाने वाले अमेरिका ने फिर से यह तैयारी कर ली है।
अंतरिक्ष की रेस कभी अमेरिका और सोवियत संघ के बीच ही चल रही थी, मगर आज के समय इसमें भारत और चीन भी शामिल हो गया। मगर एक सवाल यह है कि आखिर जब इंसान समुद्र को अभी पूरी तरह नहीं खोज पाया तो वह चांद पर क्या करने जा रहा है? ऐसा इसलिए क्योंकि चांद पर खजाना है। खजाना सुनकर आपके दिमाग में सोना चांदी आ रहा होगा। मगर चांद पर जो खजाना है वह इन सबसे ज्यादा कीमती है। जी हां, चांद पर कई ऐसे खनिज और कैमिकल हैं जो धरती पर नहीं मिलते।
बहुत कीमती है ये खजाना
हीलियम थ्री उन्हीं में से एक कैमिकल है, जिसके पीछे दुनिया तेजी से भाग रही है। यह कैमिकल धरती पर बेहद सूक्ष्म मात्रा में पाया जाता है। और सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि दावा किया जा रहा है चंद्रयान थ्री जहां पर उतरेगा, वहीं पर यह खजाना छिपा हुआ है। चंद्रयान थ्री मिशन के अंतर्गत उसका रोबोटिक उपकरण 24 अगस्त तक चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतर सकता है।
चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव 4.2 किलोमीटर वाला एक बड़ा क्रेटर है। इस खास जगह पर अरबों सालों से सूर्य की रोशनी नहीं पहुंची। इस वजह से यहां का तापमान -267 डिग्री फारेनहाइट रहता है।
विशेषज्ञों के मुताबिक इस जगह पर हाइड्रोजन की मात्रा काफी ज्यादा है। वैज्ञानिकों द्वारा यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इस क्रेटर के पास 100 मिलियन टन लाइव पानी मिल सकता है। यहां पर अमोनिया, मिथेन, सोडियम, मरकरी और सिल्वर जैसे जरूरी संसाधन मौजूद हो सकते हैं। चंद्रयान थ्री मिशन के अंतर्गत रोवर के माध्यम से इन जगहों को एक्सप्लोर किया जाएगा। यह कैमिकल धरती पर बेहद सूक्ष्म मात्रा में पाए जाते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हीलियम थ्री एक नॉन रेडियोएक्टिव तत्व है। इंसानों के लिए यह भविष्य में क्लीन एनर्जी का स्रोत बन सकता है। यह यूरेनियम से 100 गुना ज्यादा उर्जा पैदा कर सकता है। जानकारों के मुताबिक अगर तीन चम्मच हीलियम थ्री को मिला लिया जाए और इसका फ्यूजन कराया जाए तो 5000 टन कोयले के बराबर होगा।
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