अगले साल की शुरुआत में राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों (Assembly Elections) की तैयारियों को तेज करते हुए निर्वाचन आयोग ने बुधवार को गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारियों (सीईओ) के साथ समीक्षा की।
गोवा, मणिपुर, पंजाब और उत्तराखंड की विधान सभाओं (Assembly Elections) का कार्यकाल मार्च 2022 में अलग-अलग तारीखों पर समाप्त होने वाला है जबकि उत्तर प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल मई में समाप्त होना है। पांचों विधानसभा चुनाव अगले साल की शुरुआत में एक साथ हो सकते हैं।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, कोविड शमन योजना, मतदान कर्मचारियों का प्रशिक्षण और व्यापक मतदाता पहुंच सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई। मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने अपने संबोधन में कहा कि पारदर्शिता और निष्पक्षता चुनाव प्रक्रिया की पहचान है। (Assembly Elections)
उन्होंने कहा कि प्रत्येक राज्य में मुद्दे और चुनौतियां अलग हो सकती हैं, लेकिन चुनाव योजना में सभी हितधारकों को शामिल करते हुए मतदाता केंद्रित दृष्टिकोण और भागीदारीपूर्ण निर्णय लेने की आवश्यकता होती है। अपने संबोधन के दौरान, मुख्य चुनाव आयुक्त ने मतदाता सूची की शुचिता के महत्व पर जोर दिया और सीईओ से मतदाता पंजीकरण के लिए सभी लंबित आवेदनों के शीघ्र निवारण के लिए कहा। (Assembly Elections)
उन्होंने कोविड महामारी को ध्यान में रखते हुए सभी मतदान केंद्रों में बुनियादी सुविधाओं और बुनियादी ढांचे की आवश्यकता को दोहराया। चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडे ने सीईओ के साथ बातचीत करते हुए इस बात पर जोर दिया कि चुनाव के प्रत्येक पहलू पर समय-समय पर और व्यापक निगरानी सभी राज्यों के सीईओ द्वारा की जानी चाहिए। (Assembly Elections)