जैसे जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं वैसे वैसे कर्मचारियों के प्रदर्शन बढ़ते जा रहे हैं। हम बात करें हैं छत्तीसगढ़ की। राज्य में पिछले कुछ दिनों में आप देख रहे हैं लगातार कर्मचारियों के प्रदर्शन हो रहे। पहले संविदा कर्मियों ने प्रदर्शन किया था, जोरदार प्रदर्शन हुआ था। इस दौरान बड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी राज्य सरकार ने दी। उसके बाद भी कर्मचारियों पर कोई असर नहीं पड़ा।
उग्र प्रदर्शन करते रहे, आखिरकार उन कर्मचारियों ने बिना किसी शर्त के अपने प्रदर्शन को रोक दिया। लेकिन कहीं न कहीं उनमें नाराजगी की बात लगातार सामने आ रही है। इसी बीच अब सहायक शिक्षकों और बिजली कर्मचारियों ने भी प्रदर्शन शुरू किया है।
ये वो शिक्षक हैं जिन्हें कुछ ही समय पहले सरकार ने इनका संविलियन किया और उसके बाद उनके बीच जो वेतन डिस्ट्रीब्यूशन है उसे लेकर लगातार विसंगति देखने को मिली। पहले जो वर्ग एक वर्ग दो के बीच जो वेतन विसंगति उतनी ज्यादा नहीं लेकिन वो वर्ग दो और वर्ग तीन के बीच जो वेतन विसंगति है उसे लेकर भारी आक्रोश यहां पर जो शिक्षकों में देखने को मिल रहा है उसे लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे।
अब वो भी यही बात कह रहे हैं जो कि पहले संविदा कर्मी कहा करते थे। जब भूपेश बघेल प्रदेश अध्यक्ष हुआ करते थे, कांग्रेस के विपक्ष में थे तब उन्होंने उनकी मांगों को माना था और ये कहा था कि जब उनकी सरकार आएगी तो उनकी मांगों को पूरा किया जाएगा। लेकिन ये उनके साथ भी वैसा ही हो रहा जैसे संविदा कर्मी के साथ हुआ है। सहायक शिक्षक की जो मांग है उस पर अब कांग्रेस सरकार ने कोई स्टेप नहीं लिया है, मगर बीजेपी जरुर इसका फायदा उठाना चाहेगी।
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