यूं तो बहुत से लोगों को पेट के बल सोने की आदत होती है लेकिन कुछ लोगों के लिए ये आदत जानलेवा साबित हो सकती है। एक्सपर्ट्स की मानें तो मिर्गी (Epilepsy) के मरीजों को बिलकुल भी पेट के बल नहीं सोना चाहिए। अगर वो ऐसा करते हैं तो आज ही उन्हें अपनी ये आदत छोड़ देनी चाहिए।
एक्सपर्ट्स कहते हैं कि पेट के बल सोने वाले मिर्गी से ग्रस्त मरीजों में अचानक मौत का खतरा अधिक होता है। बच्चों की आकस्मिक मृत्यु के लक्षण भी एक जैसे हैं। ये बात कुछ साल पहले किये गए एक शोध में सामने आई थी। रिसर्च में पता चला था कि मिर्गी एक दिमागी बीमारी है, जिसमें मरीज को बार-बार दौरे पड़ते हैं।
अध्ययन के मुताबिक दुनियाभर में लगभग 5 करोड़ लोग मिर्गी की बीमारी से पीड़ित हैं। इलिनोइस में शिकागो यूनिवर्सिटी के डॉक्टर जेम्स ताओ का कहना है कि अनियंत्रित मिर्गी में मौत आमतौर पर सोने के वक्त ही होती है। रिसर्च के लिए शोधकर्ताओं ने 25 स्टडीज की समीक्षा की। इसमें शामिल 253 अचानक मौत के मामलों में लोगों की शारीरिक स्थिति को देखा गया। इस दौरान इस अध्ययन में पाया गया कि पेट के बल सोने के केसों में 73 प्रतिशत लोगों की मौत हो गई जबकि 27 फीसदी लोगों के सोने की स्थिति अलग थी।
शोधकर्ताओं का कहना है कि छोटे बच्चों के मामलों की तरह ही युवाओं में अक्सर मिर्गी के दौरे के बाद उठने की क्षमता नहीं होती। खास तौर से सामान्य दौरे में। जेम्स ताओ ने बताया कि मिर्गी से आकस्मिक मौत से बचाव के लिए एक अहम रणनीति को बताया गया है, जिसके मुताबिक मिर्गी के मरीजों को कमर के बल सोना चाहिए। कलाई घड़ी और बेड अलार्म के इस्तेमाल से सोने के दौरान इस तरह की मृत्यु से बचाव में मदद मिल सकती है।