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सोशल मीडिया पर हर तरफ रिंकू सिंह नाम छाया हुआ है। इसकी अहम वजह उनकी आक्रामक पारी है। रिंकू का जीवन संघर्षों से भरा रहा है, उन्होंने 21 गेंदों में पांच छक्कों और एक चौके की मदद से 48 रन बनाए। यहां तक ​​पहुंचने का उनका सफर आसान नहीं है। 

एक समय था जब रिंकू सिंह क्रिकेट खेलने के लिए अपने पिता से मार खाते थे। मगर उनका धैर्य नहीं हारा, उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने क्रिकेट खेलना जारी रखा और आखिर में सफलता हासिल की। खुद शाहरुख खान ने उनकी तारीफ की है. इसमें कोई शक नहीं कि उनका यहां का संघर्षपूर्ण सफर हमारी आंखों में आंसू ला देगा।

कौन हैं रिंकू सिंह?

रिंकू का जन्म 12 अक्टूबर 1997 को यूपी के अलीगढ़ में हुआ था। रिंकू बाएं हाथ के बल्लेबाज और दाएं हाथ के ऑफ ब्रेक गेंदबाज हैं। रिंकू का परिवार बहुत गरीब है। उनके पिता खानचंद्र सिंह घर-घर गैस सिलेंडर पहुंचाने का कार्य करते हैं। तो वहीं उसका भाई रिक्शा चलाता है। रिंकू की मां घर का काम करती है। रिंकू का बचपन बेहद संघर्ष और गरीबी में बीता है।

क्रिकेट खेलने पर करते पिता करते थे पिटाई

रिंकू पढ़ाई में बहुत अच्छा नहीं था। मगर वह क्रिकेट के दीवाने थे। वह इतना क्रिकेट खेलते थे कि उन्हें उनके पिता ने कई बार क्रिकेट खेलने के लिए पीटा था। एक चैनल को दिए इंटरव्यू में रिंकू ने इस मामले को बताया। जब रिंकू क्रिकेट खेलकर बाइक जीती है, तो उनके पिता ने उनको पीटना बंद कर दिया। रिंकू के पिता इसी बाइक से सिलेंडर पहुंचाने लगे। रिंकू के पांच भाई-बहन हैं। रिंकू तीसरे स्थान पर है। घर की स्थिति ठीक नहीं थी। मगर उनका क्रिकेटर बनने का सपना था। इसके लिए उन्होंने मौके पर झाडू लगाने का काम भी किया है।

खराब आर्थिक स्थिति के चलते रिंकू के क्रिकेटर बनने के सपने धराशायी हो गए। मगर आईपीएल में चयन होने से उनकी किसमत बदल गई और वो एक पारी की बदौलत एक बड़ा नाम बन गए।

 

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