(विरोध प्रदर्शन)
पटना में आज आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपनी मांगों को लेकर बिहार विधानसभा का घेराव कर दिया । भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस ने पानी की बौछारें कीं। इसके बाद भगदड़ मच गई और कई आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घायल हो गई हैं। आज बिहार विधानसभा का शीतसत्र का दूसरा दिन है । बिहार सरकार आज विधानमंडल के दोनों सदनों में जाति आधारित गणना की संपूर्ण रिपोर्ट पेश करने वाली है। संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी इसे पेश करेंगे। विधानसभा में इसे दूसरी पाली में सदन के पटल पर रखा जाएगा। इसी को लेकर आज विधानसभा के आसपास भारी सुरक्षा व्यवस्था मौजूद है। पटना के डाकबंगला चौराहे पर 5 सूत्री मांगों को लेकर आंगनबाड़ी सेविकाओं ने प्रदर्शन किया। जिसमें करीब 2 हजार आंगनबाड़ी सेविकाओं शामिल हुईं।
मानदेय बंद करके वेतन मिले, सरकारी कर्मी का दर्जा मिले, ऑन-ड्यूटी काम करते हुए अगर कोई सेविका मरती है तो उसके बदले उसके परिवार के किसी सदस्य को नौकरी दी जाए, रिटायरमेंट पेंशन मिले ये प्रमुख मांगों को लेकर हजारों आंगनबाड़ी कार्यकर्ता विधानसभा गेट के सामने पहुंच गई। जिसके बाद पुलिस ने पानी की बौछार कर दी । पुलिस महिला आंगनबाड़ी कर्मियों की जमकर धुनाई की। इस दौरान अफरातफरी की स्थिति मची रही और हंगामे के कारण कई कर्मियों को चोट भी आई हैं।आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपना मानदेय बढ़ाने के लिए पहले भी कई बार आंदोलन कर चुकी हैं। उन सभी का कहना है कि मात्र 6 हजार रुपये के मानदेय से गुजारा नहीं हो पाता है। गुस्साईं महिलाओं ने यहां तक कहा कि जब नीतीश कुमार या उनके मंत्री में से कोई भी वोट मांगने आएंगे तो उन सभी के ऊपर भी ऐसे ही पानी डाल देंगे।
पटना में बिहार सरकार के खिलाफ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन पर राजद सांसद मनोज झा का कहना है, ''लोकतंत्र में हर किसी को सरकार के सामने अपनी मांग रखने का अधिकार है और सरकार को उनकी मांगों पर ध्यान भी देना चाहिए। वर्तमान बिहार सरकार लोगों की मांगों को गंभीरता से लेती है और उस पर विचार विमर्श किया जाता है। वहीं सीपीआई विधायक रामरतन सिंह ने कहा कि आंगनबाड़ी कर्मियों की मांगों का हम समर्थन करते हैं। सदन के बाहर भी और सदन के भीतर भी हम लोग इस मुद्दे को उठाएंगे।
आंगनबाड़ी कर्मियों की मांगें जायज हैं। सरकार को उनसे बात कर उनकी मांगों का समाधान करना चाहिए। इसलिए हम लोग उनकी मांगों के समर्थन में हैं। वहीं एक अन्य वामदल के विधायक ने कहा कि पटना प्रशासन का आंगनबाड़ी कर्मियों पर बल प्रयोग करना दमनकारी कार्रवाई है। इसे हमलोग बर्दाश्त नहीं करेंगे। उनकी मांग है कि आंगनबाड़ी सेविका को मानदेय 25 हजार रुपए और सहायिकाओं को 18 हजार रुपए प्रति महीने मिले। यह पूरी तरह से जायज मांग है। उनकी मांगों के लिए वामदलों का भी साथ है। इस मुद्दे पर हम सरकार को सदन के भीतर भी घेरेंगे।
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