मशहूर गुरू चाणक्य ने एक श्लोक में बताया है कि कुछ तरह के लोगों पर भूलकर भी विश्वास नहीं करना चाहिए और न ही उन लोगों को अपनी समस्याएं बतानी चाहिए। क्योंकि सांप जैसे जहरीले जानवर का दांत ही जहर से भरा होता है जबकि ऐसे व्यक्तियों का पूरा शरीर जहरीला होता है।
राजा वेश्या यमो ह्यग्निस्तकरो बालयाचको।
पर दु:खं न जानन्ति अष्टमो ग्रामकंटका:।।
इस श्लोक में चाणक्य बताते हैं कि संसार में कई तरह के ऐसे लोग हैं जो किसी भी इंसान की समस्या को नहीं समझते हैं। आचार्य के अनुसार, राजा, यमराज, आग, बालक, चोर, वेश्या, भिक्षुक पर किसी भी दुख का कोई प्रभाव नहीं होता है।
गुरू बताते हैं कि इनके सामने अपनी पीड़ा या दर्द बताने का कोई फायदा नहीं होता है। आचार्य का मानना है कि इन लोगों का सामना होने पर शख्स को धैर्य व समझदारी से काम लेना चाहिए। चाणक्य नीति के मुताबिक, इन लोगों से बचकर रहने में ही भलाई है।
आफको बता दें कि अर्थशास्त्र के खोजकर्ता एवं प्राचीन भारतीय सियासत के प्रकांड विशेषज्ञ आचार्य चाणक्य की गई नीतियों पर आज भी लोग विश्वास करते हैं। उन्होंने अपनी किताब में दोस्तों से लेकर दुश्मनी तक की नीति का उल्लेख किया है।