लखनऊ। प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव से पहले कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा है। उन्नाव से पूर्व सांसद और पार्टी का बड़ा चेहरा अन्नू टंडन ने इस्तीफा दे दिया है। अन्नू टंडन ने गुरुवार को बताया कि उन्होंने पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा भेज दिया है। उन्होंने पार्टी के प्रदेश नेतृत्व पर कई सवाल उठाने के साथ अपनी उपेक्षा का भी आरोप लगाया।
प्रदेश नेतृत्व से नहीं मिला सहयोग, संगठन को बिखरते देख हुआ कष्ट
अपनी इस्तीफे में अन्नू टंडन ने कहा कि उनकी कर्मभूमि उत्तर प्रदेश और खासतौर से उनका गृह क्षेत्र उन्नाव है। बीस वर्षों से वह जनसेवा व समाज सेवा करती आई हैं। इसके अतिरिक्त वह राजनीतिक तौर पर प्रदेश व अपनों के बीच में काम करते रहना चाहती हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश नेतृत्व के साथ कोई तालमेल न होने के कारण उन्हें कई महीनों से काम में उनसे कोई सहयोग प्राप्त नहीं हो रहा है। 2019 का चुनाव हारना उनके लिए इतना कष्ट दायक नहीं रहा जितना पार्टी संगठन की तबाही और उसे बिखरते हुए देखकर हुआ।
अपने खिलाफ झूठा प्रचार को लेकर जतायी नाराजगी
अन्नू टंडन ने आरोप लगाया कि कहा कि प्रदेश का नेतृत्व सोशल मीडिया मैनेजमेंट व व्यक्तिगत ब्रांडिंग में इतना लीन है कि पार्टी व मतदाता के बिखर जाने का उनको कोई इल्म नहीं है। पूर्व सांसद ने कहा कि उनके नेक इरादों के बावजूद उनके व उनके सहयोगियों के मेरे बारे में कुछ चुनिंदा अस्तित्व विहीन व्यक्तियों द्वारा झूठा प्रचार सिर्फ वाहवाही के लिए किया जा रहा है, जिससे उन्हें अत्यंत कष्ट का अनुभव हुआ है।
प्रियंका से लेकर वरिष्ठ नेताओं से बातचीत के बाद भी नहीं निकला हल
उन्होंने कहा कि तकलीफ तब ज्यादा होती है जब नेतृत्व द्वारा उसकी रोकथाम के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया जाता है। पूर्व सांसद ने कहा इन सारी बातों के बावजूद वह कई महीनों से पार्टी में इस उम्मीद से बनी रहीं कि शायद प्रदेश के सुंदर भविष्य के लिए अच्छे और काबिल नए नेतृत्व को प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्होंने कहा उनकी वार्ता पार्टी महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा से भी हुई। लेकिन, कोई भी विकल्प या आगे का रास्ता जो सबके हित में हो नहीं निकल पाया। इसके अलावा उत्तर प्रदेश और अन्य प्रदेशों के वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं से भी चंद महीनों में उनकी बातचीत हुई और हालातों से सभी असहाय व विकल्प ही लगे।
पद और प्रलोभन से नहीं मिल सकती तसल्ली
अन्नू टंडन ने कहा कि उन्हें व्यक्तिगत व सामाजिक स्तर से बहुत कुछ मिला इसलिए पद व कोई प्रलोभन अब उन्हें तसल्ली नहीं दे सकता। कांग्रेस पार्टी से उनका विश्वास टूट कर बिखर गया है और वह प्रदेश संगठन के साथ उन्नाववासियों या प्रदेश की सेवा करने में स्वयं को असमर्थ महसूस कर रही हैं। इसलिए अपना त्याग पत्र दे रही हैं।
सपा में जाने की अटकलें, बोली सहयोगियों से पूछकर करेंगी फैसला
अन्नू टंडन ने समाजवादी पार्टी में जाने की अटकलों को लेकर कहा है कि वह भविष्य में भी कौन से रास्ते पर चलेंगी इस पर अपने सहयोगियों और कार्यकर्ताओं से परामर्श लेकर फैसला करेंगी। उल्लेखनीय है कि उन्नाव की बांगरमऊ सीट पर भी उपचुनाव हो रहा है। ऐसे में उपचुनाव से ठीक पहले अन्नू टंडन के कांग्रेस छोड़ने से पार्टी को झटका लगा है।