कौशांबी। उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में पशु प्रेम की यादगार मिसाल देखने को मिली। यहां एक बकरे की मौत के बाद जहां परिजनों में शोक की लहर दौड़ गई और उसका दाहसंस्कार पूरे हिन्दू रीति रिवाज से किया गया। इस दौरान उसकी शव यात्रा निकाली गयी और राम नाम सत्य के जयकारा लगाया गया। इसके साथ ही बकरे की आत्मा की शांति के लिए बकायदा ब्राह्मण भोज भी किया गया।
बताया जा रहा है कि कौशांबी जिले में स्थित सिराथू तहसील क्षेत्र के सयारा मीठेपुर निहालपुर गांव निवासी रामप्रकाश यादव होमगार्ड की नौकरी करते हैं। वर्तमान समय में वह मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय में तैनात हैं। रामप्रकाश यादव ने अपने घर में एक बकरा पाल रखा था। बकरा घर में रहते-रहते परिजनों से काफी घुल मिल गया था। परिजनों ने बकरे का नाम कल्लू रखा था। वे लोग उसे घर के सदस्य की तरह रखते थे। एक बार रामप्रकाश ने परिजनों के साथ बैठकर योजना बनाई कि अगर बकरे की मौत होती है तो वह उसका अंतिम संस्कार हिंदू रीति-रिवाज से करेंगे और उसकी आत्मा की शांति के लिए ब्राह्मण भोज भी करेंगे।
दरअसल, बकरा दो दिन से बीमार चल रहा था। उन लोगों ने उसकी दवा भी कराई गई लेकिन वह ठीक नहीं हुआ बल्कि शुक्रवार की सुबह अचानक उसकी मौत हो गयी।इसके बाद रामप्रकाश ग्रामीणों के साथ बकरे की अंत्येष्टि की तैयारी में जुट गया और उसकी शव यात्रा निकाली फिर अपने खेत में ले जाकर हिंदू रीति रिवाज से अंतिम-संस्कार किया। इतना ही नहीं उन्होंने दाग भी दिया और बाद में श्राद्ध कर सिर भी मुंडवा लिया। राम प्रकाश यादव ने बताया जिस बकरे की मौत हुई वह साढ़े 5 साल का था और बचपन से ही उनके साथ रह रहा था। हालांकि उसकी तबीयत ज्यादा खराब नहीं थी पर पता नहीं क्या हुआ कि दो दिन के भीतर ही बीमारी से वह मर गया। उन्होंने कहा उसकी आत्मा की शांति के लिए मैं सब कुछ करूंगा।