लिंग अनुपात का डाटा देख डरे एक्सपर्ट, बोले- मुश्किल होगा आने वाला समय

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नई दिल्ली। देश के हर कोने से कन्या भ्रूण हत्या के मामले अक्सर ही सामने आते रहते हैं। इसको लेकर अब आई एमए कैमूर के प्रेसिडेंट डॉक्टर ने बड़ा बयान दिया है। अपने बयान में उन्होंने कहा कि देश भ्रूण हत्या बंद होनी चाहिए, नहीं तो लड़कियों की संख्या 10 के अनुपात में दो ही रह जाएगी।

दरअसल, आईएमए कैमूर के प्रेसिडेंट डॉक्टर दिनेश्वर सिंह ने कन्या भ्रुण हत्या को लेकर एक बड़ा बयान देते हुए इस मामले को सरकर से गंभीरता से लेने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सरकार कन्या भ्रूण हत्या पर कर्रवाई कर रही है, लेकिन इसमें और तेज कार्रवाई की जरूरत है। उन्होंने कहा के अगर सभी लोग इस पर ध्यान नहीं देंगे तो आगे आने वाले 30-40 सालों में 10 लड़कों में सिर्फ दो लड़किया रह जाएंगी और ये स्थिति काफी चिंताजनक होगी।

उन्होंने कहा कि ये मैसेज रेडियोलॉजिस्ट चिकित्सकों के लिए भी है जो पढ़े लिखे होने के बाद भी इस काम को करते हैं। उन्हें कन्या भ्रूण हत्या जैसे घिनौने काम में नहीं पड़ना चाहिए। डॉक्टर दिनेश्वर ने कहा जो लोग भी लिंग परीक्षण के कार्य में लगे हैं उन पर सरकार को सख्त करवाई करनी चाहिए। बता दें कि आईएमए का एक शिष्टामंडल बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे से मिला है। उन्होंने कहा कि पूरे भारत में मातृत्व सुरक्षित सप्ताह मनाया जा रहा है। इस दौरान उन्होंने गर्भवती महिलाओं को संदेश दिया और कहा कि जिन गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी होनी है, उन्हें अपने खान पान पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

लड़कियां हैं हर क्षेत्र में आगे

डॉक्टर वंदना बताती हैं कि अभी एक सप्ताह का सुरक्षित मातृत्व सप्ताह चलाया जा रहा है। इस पूरे हफ्ते में गर्भवती महिलाओं की शारीरिक जांच की जाएगी और उन्हें उनके हेल्थ सबंधी उचित सलाह दी जाएगी। उन्होंने कहा सभी महिलाओं को अपने नजदीक के किसी भी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर अपनी नियमित जांच करानी चाहिए। अगर उनके शरीर में आयरन की कमी है तो आयरन की गोलियां सरकारी अस्पतालों में मुफ्त मिलती हैं लें लेनी चाहिए।

इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं को अपने खानपान का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। उन्हें हरी सब्जियां, चुकंदर और काला चना भी खाना चाहिए। इसमें आयरन भरपूर होता है। आज के दौर में बेटी और बेटों में कोई फर्क नहीं होता है। उन्होंने कहा कि बेटियां चांद पर पहुंच गई हैं। वे हर क्षेत्र में लड़कों के बराबर है।

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