लखनऊ। उप्र बीज विकास निगम में वर्ष 2010 से 2017 के बीच 55 करोड़ रुपए के घोटाले मामले को निगम की तरफ से भ्रामक करार दिया गया है। निगम के प्रबंध निदेशक डा राम शब्द जैसवारा का कहना है कि कृषि महकमे ने उन वर्षों के प्रकरण की जांच कराई थी। जिसमें 16.56 करोड़ अधिक भुगतान का मामला संज्ञान में आया था।
इस सिलसिले में परियोजना अधिकारी कानपुर नगर की तरफ से एफआईआर दर्ज कराई गई है। पुलिस अधीक्षक आर्थिक अपराध शाखा कानपुर द्वारा मामले की जांच की जा रही है। बहरहाल निगम के उपाध्यक्ष राजेश्वर सिंह को मिली धमकी के प्रकरण में सहायक भंडार अधिकारी शकील अहमद को उनके वर्तमान पद से हटा दिया गया है।
बता दें कि पिछली सरकार में बीज विकास निगम में शुरू हुआ घोटाला वर्ष 2017 में प्रदेश भाजपा की सरकार बनने के बाद चर्चा में आया था। बताया जा रहा था कि पिछली सरकारों में निगम के विभिन्न अधिकारियों ने आपसी तालमेल और सत्ता के संरक्षण में लगभग 55 करोड़ रुपए का घोटाला कर डाला। यह प्रकरण संज्ञान में आने के बाद बीज विकास निगम के एमडी ने यह सफाई पेश की है।
इसके अलावा निगम में सहायक भंडार अधिकारी के पद पर कार्यरत शकील अहमद पर उपाध्यक्ष राजेश्वर सिंह को धमकी देने का आरोप है। राजेश्वर सिंह का कहना है कि घोटाले की जानकारी प्रकाश में आने के बाद जैसे ही उन्होंने जांच शुरू की। एके राव के मोबाइल फोन से एक अन्य अधिकारी ने उनके फोन पर फोन कर धमकी दी। उन्होंने घोटाले के संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से चर्चा कर दी है। भविष्य में इस घोटाले की गहराई से जांच कराई जाएगी।