किसान की बेटी बनी पायलट, बेटी का सपना पूरा करने के लिए पिता ने बेच दी थी सारी जमीन

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आजकल बेटियां बेटों से ज्यादा पिता का नाम रोशन कर रही हैं। किसी की बेटी आईएएस, आईपीएस बन रही है तो कोई ओलंपिक में मेडल जीत रहा है। आज हम आपको एक ऐसी लड़की के बारे में बताएंगे जिसके पिता पेशे से किसान हैं। इस किसान की बेटी का सपना था पायलट बनने का, लेकिन पिता के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह अपनी बेटी को पायलट बना सके।

आपको बता दें कि इस किसान ने अपनी उस जमीन को बेच दिया जिस पर वह अपनी बेटी के सपने को पूरा करने के लिए खेती करता था। अपनी बेटी के सपने को साकार करने के लिए पिता ने अपनी जमीन भी बेच दी, जो उसकी आजीविका का एकमात्र स्रोत था। बेटी ने भी पिता को निराश नहीं किया, महज 19 साल की उम्र में वह एक अंतरराष्ट्रीय विमान की पायलट बन गई।

आज हम आपको बताएंगे कि कैसे एक लड़की के पिता ने उसके पायलट बनने के सपने को साकार करने के लिए अपनी जमीन बेच दी। आपको बता दें कि बेटी ने भी पापा को बिल्कुल भी निराश नहीं किया। हम जिस लड़की की बात कर रहे हैं वह भारत के गुजरात राज्य की रहने वाली है। इस लड़की का नाम मैत्री पटेल है. मैत्री के पिता का नाम कांतिभाई पटेल है जो एक किसान हैं।

कांतिभाई एक छोटे किसान हैं जिनके पास ज्यादा आय नहीं है। कांतिभाई की बेटी मैत्री पटेल ने बचपन में पायलट बनने का सपना देखा था। लेकिन मैत्री यह भी जानती थी कि पिता के पास इतने पैसे नहीं हैं, फिर भी मैत्री ने उम्मीद नहीं छोड़ी। पायलट बनने के अपने सपने को साकार करने के लिए मैत्री ने दिन-रात मेहनत की। जब मैत्री के पिता कांतिभाई पटेल को पता चला कि मेरी बेटी पायलट बनना चाहती है, तो वह बहुत खुश हुआ।

उसके बाद पिता कांतिभाई जी ने बेटी के सपने को साकार करने के लिए अपनी उपजाऊ जमीन बेच दी। कांतिभाई चाहते थे कि मेरी बेटी का सपना पूरा हो और वह बहुत अच्छी पायलट बने। बेटी मैत्री ने अपने पिता को बिल्कुल भी निराश नहीं किया और 19 साल की उम्र में अपनी पायलट ट्रेनिंग पूरी की। आपको बता दें कि मैत्री भारत की सबसे कम उम्र की पहली महिला पायलट हैं। एक पिता और क्या चाहता है कि उसकी बेटी अपने पैसे को व्यर्थ न जाने दे। कांतिवभाई के लिए यह बहुत गर्व की बात है कि उनकी बेटी भारत में सबसे छोटी उम्र में पायलट बनने वाली पहली लड़की है।

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