Farmers Protest: आंदोलन को लेकर दो फाड़ हुआ किसान संगठन, रद्द हुई सिंधु बॉर्डर पर होने वाली बैठक!

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नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ लगभग साल से अधिक समय से आंदोलन कर रहे किसान संगठनों में फूट पड़ती नजर आ रही है। इसकी आज एक बानगी दिल्ली के सिंधु बॉर्डर पर देखने को मिली। आज होने वाली 40 किसान संगठनों की ये बैठक फुट की वजह से ही रद्द हो गई है। आज की बैठक में किसानों की घर वापसी और MSP कमेटी के गठन के प्रस्ताव पर चर्चा होनी थी। बताया जा रहा है कि किसान संगठनों के बीच फूट पड़ चुकी है।

Farmers Protest

दरअसल पंजाब के अधिकतर किसान आंदोलन खत्म करने के पक्ष में हैं जबकि कई किसान संगठन एमएसपी कानून और मुकदमों की वापसी समेत अन्य मांगों को लेकर आंदोलन जारी रखना चाहते हैं। वापसी के पक्ष वाले संगठन आम सहमति बनाने की कोशिश कर रहे हैं और रणनीतियों को अंतिम रूप देने के लिए आज बैठक होनी थी। पंजाब के 32 संगठनों की कल हुई बैठक में आम सहमति बनी थी कि कृषि कानूनों की वापसी के साथ ही आंदोलन सफल हो चुका है और एमएसपी कानून बनने की प्रक्रिया में समय लगेगा।

ऐसे में सरकार को एक समयसीमा देकर वापस लौटना चाहिए। सूत्रों का कहना है कि 32 में से 20-22 यानी आधे से अधिक संगठन वापसी चाहते हैं जबकि 8-10 संगठन बाकी मांगें मनवाने तक रुकने के पक्ष में हैं। हालांकि पंजाब के जोगिंदर सिंह उगराहां और सरवन सिंह पंढेर हरियाणा के गुरनाम चढूनी जैसे बड़े किसान नेता धरना जारी रखने के पक्ष में हैं।

सरकार ने मांगे 5 प्रतिनिधियों के नाम

इधर केंद्र सरकार ने एमएसपी से संबंधित मसले पर चर्चा करने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा से पांच प्रतिनिधियों के नाम मांगे हैं। किसान नेता दर्शन पाल ने बताया कि 5 नामों को लेकर हमारे एक साथी के पास सरकार की तरफ से एक फोन आया था जिसमें एमएसपी से संबंधित मसले पर बात करने के लिए पांच प्रतिनिधियों के नाम देने की बात कही गयी थी।

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