पाकिस्तान आतंकवाद के मुद्दे पर पूरी दुनिया में बदनाम में है, जिसके वजह से कई देश उससे अपन किनारा कसने लगे है. वहीँ अब पकिस्तान पर आतंकवाद को लेकर शिकंजा कसा जा रहा है. आपको बता दें कि आतंकी गतिविधियों को मिलने वाले धन की निगरानी करने वाली संस्था एफएटीएफ ने प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े मदरसों के खिलाफ कार्रवाई पर पाकिस्तान से स्पष्टीकरण और आंकड़े मांगे हैं।
वहीं उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान ने पेरिस स्थित निगरानी संस्था एफएटीएफ को एक रिपोर्ट सौंप कर आतंकवाद और धन शोधन पर रोक लगाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दी है।एफएटीएफ ने पाकिस्तान को फरवरी 2020 तक ‘ग्रे सूची में रखा है। संस्था ने अक्टूबर में चेतावनी दी थी कि यदि पाकिस्तान 27 सूत्री सूची में शेष 22 बिंदुओं पर अनुपालन नहीं करता है तो उसे ‘काली सूची’ में डाल दिया जाएगा।
‘द न्यूज’ ने एक शीर्ष अधिकारी के हवाले से कहा है, ”हमें अपनी अनुपालन रिपोर्ट पर एक ईमेल के जरिए एफएटीएफ से एक जवाब मिला है जिसमें उन्होंने 150 सवाल पूछे हैं। उनमें से कुछ में और अधिक आंकड़े, कुछ स्पष्टीकरण तथा प्रतिबंधित संगठनों से संबद्ध मदरसों के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी मांगी गई है।”
अधिकारी ने शनिवार (21 दिसंबर) को कहा कि पाकिस्तान को 150 सवालों का जवाब देने के लिए आठ जनवरी 2020 की समय सीमा दी गई है। एफएटीएफ की अगली बैठक बीजिंग में 21 जनवरी से 24 जनवरी के बीच प्रस्तावित है, जहां पाकिस्तान को रिपोर्ट पर अपने पक्ष का बचाव करने का अवसर दिया जाएगा। वहीं, पाकिस्तान जून 2020 तक समय सीमा में छूट चाहता है जब एफएटीएफ की पूर्ण समीक्षा बैठक होने वाली है।