हम सब अपने पिता के ही अंश होते हैं। पिता ही परिवार की धुरी होता है। पिता की ही करनी से परिवार उन्नति के मार्ग पर अग्रसर होता है। पिता के बिना परिवार अधूरा होता है। एक पिता सारे दुःख-संताप चुपचाप सहकर अपने बच्चों और परिवार का पालन पोषण करता है। सच कहा जाए तो किसी भी व्यक्ति के निर्माण में पिता की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
पुत्र के लिए पिता ही आदर्श होता है। इसलिए पिता को सम्मान देने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका में लगभग एक शताब्दी पूर्व फादर्स डे (पितृ दिवस) मनाने की परंपरा शुरू हुई, जो आज पुरे विश्व में मनाई जाने लगी। फादर्स डे (हर साल जून महीने के तीसरे रविवार को मनाया जाता है। इस वर्ष फादर्स डे 20 जून को मनाया जाएगा। हालांकि महामारी के चलते इस बार भी फादर्स डे का रंग फीका ही रहेगा।
फादर्स डे पितृत्व की यात्रा और परिवार की संरचना व समाज में पिता की भूमिका का सम्मान करने के लिए मनाया जाता है। यह दिन उन योगदानों को मान्यता देता है जो पिता अपने बच्चों के जीवन में करते हैं। पश्चिमी देशों में यह दिन पिता के लिए सबसे बड़े सम्मान का दिन होता है। पश्चिमी देशों की देखादेखी ही भारतीय उपमहाद्वीप में भी फादर्स डे मनाया जाने लगा।
फादर्स डे विश्व के देशों में अलग-अलग दिनों में मनाया जाता है। संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, फ्रांस, भारत, चीन, जापान, फिलीपींस और दक्षिण अफ्रीका जैसे तमाम देशों में फादर्स डे जून के तीसरे रविवार को मनाया जाता है।
हालांकि कई देशों में पितृ दिवस अलग दिन मनाया जाता है। रूस में यह 23 फरवरी, 19 मार्च को स्पेन में, जून के पहले रविवार को स्विट्जरलैंड में, जून के दूसरे रविवार को ऑस्ट्रिया और बेल्जियम में, 21 जून को लेबनान, मिस्र, जॉर्डन में मनाया जाता है। इसी तरह सीरिया, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड आदि में सितंबर के पहले रविवार को मनाया जाता है।