जानें आखिर क्या है Bitcoin, जिसकी मांग कर रहा था ट्विटर को हैक करने वाला शख्स

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अजब-गजब॥ ट्विटर पर बीती रात अब तक का सबसे बड़ा साइबर हमला हुआ. दुनिया के दिग्गज नेताओं और कारोबारियों के अकाउंट को हैक कर लिया गया। इसमें अमेरिकी नेता जो बिडन, टेसला के सीईओ एलन मस्क, माइक्रोसॉफ्ट के सहसंस्थापक बिल गेट्स और एपल के कई और अहम अकाउंट शामिल हैं. इन अकाउंट को हैक करने के बाद हैकर्स ने करोड़ों की लूट मचाई।

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हैकर्स ने हैक किए अकाउंट्स से एक लिंक पोस्ट किया गया और लोगों से बिटकॉइन मांगे गए। हैकर्स ने लोगों को बिटकॉइन डबल करने का भी का लालच दिया। जिसके बाद कई लोगों ने बिटकॉइन दे भी दिए, जिससे उनका बहुत नुकसान हुआ। बिटकॉइन भारत में इस्तेमाल नहीं होता है, ऐसे में ज्यादातर लोगों को इस बारे में नहीं पता है कि आखिर ये क्या होता है। तो चलिए जानतें है आखिर क्या है बिटकॉइन और यह क्यों चर्चा में रहता है?

क्या है बिटकॉइन ?

बिटकॉइन एक क्रिप्टोकरेंसी है. यहां आपको बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी होती है, जो ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है. इस करेंसी में Coding technique का इस्तेमाल होता है। इस टैक्नीक के जरिए करेंसी के ट्रांजेक्शन का पूरा लेखा-जोखा होता है, जिससे इसे हैक करना बहुत मुश्किल है।

क्रिप्टो करेंसी डिजिटल करेंसी है। इसे आप न तो देख सकते हैं, न छू सकते हैं, क्योंकि भौतिक रूप में क्रिप्टो करेंसी का printing नहीं किया जाता। इसलिए इसे आभासी मुद्रा कहा जाता है। पिछले कुछ सालों में ये करेंसी काफी चलन में है।

बहुत से लोगों के मन में ये सवाल आता है कि क्रिप्टो करेंसी का यूज करना लीगल है या नहीं। दरअसल, ये फैसला आपकी इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस देश में रहकर इसका इस्तेमाल कर रहे हैं, क्योंकि कुछ देशों में अभी भी क्रिप्टो करेंसी को कानूनी मान्यता नहीं मिली है जिसमें भारत भी एक था, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भारत में ये लीगल हो गई है। लेकिन भारत में रिजर्व बैंक ने इसे मान्यता नहीं दी है।

कोई इंसान है या संस्था?

इसे सातोशी नकामोति ने 2008 में बनाया था. हालांकि आजतक यह नहीं पता चल पाया है कि सातोशी नकामोति कौन है? कोई इंसान है या संस्था? कहां का है? इसे पहली बार 2009 में ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में जारी किया गया था। इसको कोई बैंक या सरकार कंट्रोल नहीं करती है।

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