इंग्लैंड के तकरीबन पचास लाख लोगों को यूरोप की यात्रा करने से प्रतिबंधित किया जा सकता है, क्योंकि उन्होंने इंडिया में बनी कोविड वैक्सीन (Covishield Vaccine) लगवाई है। आई जानते हैं विस्तार से।
दरअसल, यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी (EMA) ने अभी तक सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा बनाई गई कोविशील्ड टीके (Covishield Vaccine) को मान्यता नहीं दी है, हालांकि ये एस्ट्राजेनेका जितनी ही प्रभावशाली है।
कोविशील्ड (Covishield Vaccine) का टीका लेने वालों को डिजिटल कोरोना पासपोर्ट पर बैच नंबरों की जांच करने के दौरान यूरोपीय संघ की बॉर्डर में एंटर करने से रोका जा सकता है। EU डिजिटल कोविड सर्टिफिकेट उन लोगों को इजाजत देता है, जिन्हें वैक्सीन की दोनों डोज लगाई गई हों, ताकि वो बिना क्वारंटीन या टेस्ट के यूरोप का सफर कर पाएं।
फिलहाल EMA ने जिन टीके को मान्यता दी है उनमें फाइजर-बायोएनटेक, मॉडर्ना, जॉनसन एंड जॉनसन और यूरोप में निर्मित ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका का टीका शामिल हैं। (Covishield Vaccine)