लखनऊ। विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर साल 2019 में गिनीज बुक ऑफ़ रिकार्ड्स में जगह बनाने वाले और साल 2002 में पीस एजुकेशन के लिए यूनेस्को प्राइज जीतने वाले यूपी की राजधानी लखनऊ स्थित सिटी मोंटेसरी स्कूल की 20 शाखाओं में वर्तमान में साढ़े चार हज़ार से अधिक स्टाफ 58 हज़ार से अधिक शिक्षार्थियों के अध्यापन कार्य में लगे हैं।
डा. जगदीश गाँधी और डा. भारती गाँधी द्वारा साल 1959 में 5 विद्यार्थियों के साथ शिक्षा के क्षेत्र में उच्च आदर्शों का प्रतिमान स्थापित करने, छात्रों को सामाजिक रूप से प्रेरित और जागरूक नागरिक बनाने के उद्देश्य से शुरू किया गया यह विद्यालय अब बाजारीकरण की अंधी दौड़ में शामिल होकर उच्च आदर्शों की बात तो भरपूर और निरंतर करता है पर धरातल पर इन आदर्शों का पालन करता नज़र नहीं आता है. बच्चों में नैतिक चरित्र निर्माण की बात करने वाला सिटी मोंटेसरी स्कूल स्वयं नैतिकता को ताक पर रखकर काम करता दिखाई दे रहा है.
राजधानी लखनऊ निवासी कंसलटेंट इंजीनियर संजय शर्मा ने एक प्रचलित लोकोक्ति “हाथी के दांत खाने के दांत और दिखाने के और” की बात कहते हुए जगदीश गाँधी और भारती गाँधी के सिटी मोंटेसरी स्कूल के प्रबंधन की कथनी करनी में जमीन आसमान का फर्क होने का आरोप लगाया है।
संजय कहते हैं कि यूनाइटेड किंगडम का ग्लोबल पायनियर अवार्ड,क्वीन्स यूनिवर्सिटी बेलफ़ास्ट से मानद डॉक्टरेट डिग्री तथा यूपी सरकार के यश भारती पुरस्कार के साथ-साथ देश विदेश के सैकड़ों पुरस्कार और मानद उपाधियाँ प्राप्त करने वाले जगदीश गाँधी तथा उनकी पत्नी भारती गाँधी के साथ साथ सीएमएस प्रबंधन सार्वजनिक मंचों से हमेशा उच्च नैतिक आदर्शों की बात करते दिखाई देते हैं लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि उनका सीएमएस अब अपने छुद्र निजी लाभों के लिए अधिकांश विद्यालयों की ढांचागत सुरक्षा और अग्निशमन सुरक्षा के प्रति अगंभीर रुख अपनाकर विद्यालय में पढने वाले छात्रों की जिंदगियों के साथ खिलवाड़ कर रहा है.
संजय बताते है कि हाल ही में उन्होंने सीएमएस की राजाजीपुरम की थाना तालकटोरा के सामने स्थित शाखा तथा राजाजीपुरम ई ब्लाक मार्किट के पास नाले किनारे बनी नई शाखा के अवैध निर्माणों के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री के जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायतें कीं थीं जिनमें जांच के बाद शिकायतें सही पाई गईं और उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद ने इन दोनों शाखाओं के खिलाफ उत्तर प्रदेश नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम 1973 की सुसंगत धाराओं में कार्यवाही शुरू कर दी है.
संजय बताते हैं कि सीएमएस की अधिकांश शाखाओं में ढांचागत सुरक्षा, अग्निशमन सुरक्षा तथा अन्य सरकारी नियम-कानूनों के अनुपालन में कमी हैं जिनमें अपेक्षित सुधार करना सीएमएस प्रबंधन का नैतिक दायित्य है।
संजय ने सभी राजनेताओं, पत्रकारों, धर्मगुरुओं, शिक्षाविदों और समाजसेवियों से सार्वजनिक रूप से अपील की है कि वे अपने-अपने निहित स्वार्थों को त्यागकर तब तक सीएमएस के कार्यक्रमों का बहिष्कार करें जब तक यह विद्यालय अपनी सभी शाखाओं में ढांचागत सुरक्षा, अग्निशमन सुरक्षा तथा अन्य सरकारी नियम-कानूनों का अनुपालन शत-प्रतिशत मानकों के हिसाब से नहीं कर लेता है।
संजय ने बताया कि सीएमएस द्वारा आगामी नवम्बर माह में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51 के विषय पर विश्व भर के मुख्य न्यायाधीशों की 23वीं इंटरनेशनल कांफ्रेंस में शिरकत करने वाले सभी संभाव्य व्यक्तियों को वे सीएमएस द्वारा ढांचागत सुरक्षा, अग्निशमन सुरक्षा तथा अन्य सरकारी नियम-कानूनों के अनुपालन में कमी के साथ विद्यालय चलाने के सरकारी दस्तावेजी प्रमाण ई मेल से भेजते हुए सभी से इस कार्यक्रम का बहिष्कार करने की नैतिक अपील इस आशय से करेंगे कि वे सब सीएमएस के कैम्पसों में पढने वाले आधा लाख से अधिक छात्रों व हज़ारों स्टाफ का जीवन पूर्णरूपेण सुरक्षित करने की उनकी इस मुहिम में सहभागी बनें।
इस विद्यालय द्वारा अपनी सभी शाखाओं में ढांचागत सुरक्षा, अग्निशमन सुरक्षा तथा अन्य सरकारी नियम-कानूनों का अनुपालन शत-प्रतिशत मानकों के हिसाब से कर लेना स्वयं के स्तर से सुनिश्चित कर लेने के बाद ही इस विद्यालय के कार्यक्रमों में प्रतिभाग करें। संजय ने विश्वास जताया है कि निजी जीवन में नैतिकता का पालन करने वाले सभी जिम्मेदार व्यक्ति उनकी इस नैतिक अपील को अवश्य मानेंगे।
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