50 साल तक इस खतरनाक देश ने की हिंदुस्तान की जासूसी!

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न्यूयॉर्क॥ US की खुफिया एजेंसी CIA ने कई वर्षों तक विश्व के कई देशों की जासूसी की। US के एक बड़े अखबार के अनुसार, ‘CIA ने हिंदुस्तान समेत कई दूसरे देशों के इनक्रिप्टेड मेसेज कई वर्षों तक पढ़े। इसके लिए एजेंसी ने स्विट्जरलैंड की एक कम्पनी की सहायता ली, जो दूसरे देशों की सरकारों की विश्वसनीय थी। इस कम्पनी के पास उनके जासूसों, सैनिकों और डिप्लोमेट्स के सीक्रेट कम्युनिकेशन थे। लेकिन खास बात है कि ये स्विस एजेंसी का मालिकाना हक CIA के ही पास था।

वॉशिंगटन पोस्ट और जर्मनी के सरकारी ब्रॉडकास्टर ने मंगलवार को एक रिपोर्ट पब्लिश की। इस रिपोर्ट के अनुसार, क्रिप्टो एजी कम्पनी ने US की सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (CIA) के साथ 1951 में एक डील की और 170 में इसका मालिकाना हक CIA को मिल गया। इस जॉइंट रिपोर्ट में बताया CIA के क्लासिफाइड डॉक्युमेंट से खुलासा किया है कि किस तरह US और इसके सहयोगियों ने सालों तक भोलेपन का लाभ उठाया, उनका रुपया ले लिया और उनके सीक्रेट भी चुरा लिए। कम्युनिकेशंस और इन्फर्मेशन सिक्यॉरिटी में विशेषज्ञता रखने वाली इस कम्पनी की स्थापना 1940 के दशक में एक इंडिपेंडेंट कम्पनी के तौर पर हुई थी।

रिपोर्ट में बताया गया है कि CIA और नैशनल सिक्यॉरिटी एजेंसी ने सहयोगियों और विरोधियों दोनों की जासूसी की। क्रिप्टो एजी कम्पनी को क्रिप्टोग्राफी उपकरण बनाने में विशेषज्ञता हासिल है। 50 से भी अधिक वर्षों तक स्विस कम्पनी ने विश्व के कई देशों के जासूसों, सैनिकों और डिप्लोमैट के सीक्रेट कम्युनिकेशन में सेंध लगाई। यह कम्पनी इन देशों की सरकारों की विश्वसनीय थी।

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रिपोर्ट के अनुसार, इस कम्पनी के क्लाइंट्स की बात करें तो इनमें ईरान, लैटिन अमेरिका के देश, हिंदुस्तान, पाकिस्तान और वैटिकन शामिल हैं। फिलहाल हिंदुस्तान सरकार की तरफ से इस बारे में कोई खबर नहीं मिली है। हालांकि, स्विस कम्पनी के किसी भी क्लाइंट को इस बारे में जानकारी नहीं थी कि CIA इस कम्पनी की ओनर है और गुपचुप तरीके से उनकी सूचनाओं में सेंध लगाई जा रही है।

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