50 साल से ये ताकतवर देश करता आ रहा था भारत की जासूसी, अब ऐसे हुआ खुलासा

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अमेरिका हमेशा से कई देशों की जासूसी करते हुए आया है, जिसके बाद कई बार उस पर आरोप लगा है कि वो अपने दोस्त देशों की भी जासूसी करने से पीछे नहीं हटाता है. आपको बता दें कि अमेरिका की खुफिया एजेंसी CIA ने कई सालों तक दुनिया के कई देशों की जासूसी की। अमेरिका के एक बड़े अखबार के मुताबिक, ‘सीआईए ने भारत सहित कई दूसरे देशों के इनक्रिप्टेड मेसेज कई सालों तक पढ़े।


गौरतलब है कि इस जासूसी के लिए अमेरिका की ख़ुफ़िया एजेंसी ने स्विट्जरलैंड की एक कंपनी की मदद ली, जो दूसरे देशों की सरकारों की विश्वसनीय थी। वहीँ बताया जाता है कि इस कंपनी के पास उनके जासूसों, सैनिकों और डिप्लोमेट्स के सीक्रेट कम्युनिकेशन थे। लेकिन खास बात है कि यह स्विस एजेंसी का मालिकाना हक CIA के ही पास था।

आपको बता दें कि वॉशिंगटन पोस्ट और जर्मनी के सरकारी ब्रॉडकास्टर ने मंगलवार को एक रिपोर्ट पब्लिश की। वहीं इस रिपोर्ट के मुताबिक, क्रिप्टो एजी कंपनी ने अमेरिका की सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (CIA) के साथ 1951 में एक डील की और 170 में इसका मालिकाना हक सीआईए को मिल गया।इस रिपोर्ट में है कि अमेरिका और इसके सहयोगियों ने सालों तक भोलेपन का फायदा उठाया, उनका पैसा ले लिया और उनके सीक्रेट भी चुरा लिए।

वहीं इस रिपोर्ट के मुताबिक, इस कंपनी के क्लाइंट्स की बात करें तो इनमें ईरान, लैटिन अमेरिका के देश, भारत, पाकिस्तान और वैटिकन शामिल हैं। फिलहाल भारत सरकार की तरफ से इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है। हाालंकि, स्विस कंपनी के किसी भी क्लाइंट को इस बारे में जानकारी नहीं थी कि सीआईए इस कंपनी की ओनर है और गुपचुप तरीके से उनकी सूचनाओं में सेंध लगाई जा रही है।

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