भूला पाकिस्तान, हिंदुस्तान का गिलगित-बाल्टिस्तान

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लाहौर॥ हिंदुस्तान ने गिलगित-बाल्टिस्तान में बांध (DAM) बनाने के लिए एक ठेका देने के पाक के फैसले पर ये कहते हुए आपत्ति जताई कि उसके (पाकिस्तान के) अवैध कब्जे वाले क्षेत्र में ऐसी परियोजनाएं शुरू करना सही नहीं है। इमरान सरकार ने डायमर-भाषा बांध के निर्माण के लिए चीन की एक सरकारी कम्पनी और अपनी प्रभावशाली आर्मी के वाणिज्यिक अंग के साथ 442 अरब रुपए के अनुबन्ध पर हस्ताक्षर किए हैं।

विदेश मंत्रालय ने बताया कि हमारा रुख सतत् और स्पष्ट रहा है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्रशासित प्रदेशों का पूरा क्षेत्र हिंदुस्तान का अविभाज्य रंग रहा है, है और रहेगा। उन्होंने कहा कि हमने पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले हिंदुस्तानी इलाके में सभी ऐसी परियोजनाओं को लेकर पाकिस्तान और चीन के सामने निरंतर अपना विरोध जताया है और चिंता रखी है।

बीते हफ्ते हिंदुस्तान ने तब पाकिस्तान के सामने उसके अवैध और जबरन कब्जे वाले क्षेत्र में चेंजेस लाने की उसकी कोशिश के प्रति अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया था। जब वहां की शीर्ष अदालत ने गिलगित-बाल्टिस्तान में चुनाव कराने की इज़ाजत दी थी। विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के वरिष्ठ राजनयिक को अदालत के इस आदेश के विरुद्ध कड़ी आपत्ति जताते हुए एक कड़ा विरोध पत्र सौंपा था। इसमें इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया गया था कि गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्रों सहित जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का समूचा क्षेत्र हिंदुस्तान का अभिन्न हिस्सा है।

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