law minister को पूर्व जिलाध्यक्ष ने भेजा पत्र, कहा ‘एक देश, एक परीक्षा’ की तर्ज पर हो नेशनल लॉ एडमिशन टेस्ट

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Banda Bureau

बांदा। भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष और अधिवक्ता संघ के तत्कालीन अध्यक्ष अशोक त्रिपाठी जीतू ने देश कानून और न्याय मंत्री (law minister) को पत्र भेजकर मांग की है कि भारतवर्ष के लिए मेडिकल और इंजीनियरिंग की भांति कानून की पढ़ाई करने वालों के लिए भी एक देश एक परीक्षा की तर्ज पर नेशनल लॉ ऐडमिशन टेस्ट के माध्यम से विश्वविद्यालयों की सीटों को काउंसलिंग के आधार पर भरा जाए।

उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में इंटरमीडिएट परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद ऐसे विद्यार्थी जिन्हें कानून की पढ़ाई करनी है उनके लिए क्लैट अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी, प्रयागराज विश्वविद्यालय, बीएचयू, दिल्ली यूनिवर्सिटी , महाराष्ट्र यूनिवर्सिटी, लखनऊ विश्वविद्यालय, गोरखपुर विश्वविद्यालय, हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय और इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी आदि राज्य अधीन और केंद्रीय विश्वविद्यालयों के माध्यम से अलग-अलग प्रवेश परीक्षाएं कराई जाती हैं। (law minister)

पंचवर्षीय कोर्स के प्रवेश के लिए अलग-अलग शुल्क

ऐसे में विधि एवं कानून की पढ़ाई करने वालों को अलग-अलग शुल्क देकर आवेदन करना पड़ता है। ठीक इसी प्रकार गैर शासकीय विश्वविद्यालयों में जिसमें क्राइस्ट, सिंबोसिस, निरमा लॉ यूनिवर्सिटी, दून जैसे ला यूनिवर्सिटी में पंचवर्षीय कोर्स के प्रवेश के लिए अलग-अलग शुल्क अदा करना पड़ता है जिससे विद्यार्थियों को आर्थिक, मानसिक, शारीरिक, परेशानी होती है और विभिन्न केंद्रों में परीक्षा देने के लिए भाग दौड़ करना पड़ती है । (law minister)

एक परीक्षा की तर्ज पर संपूर्ण भारतवर्ष के लिए पंचवर्षीय ला कोर्स

श्री त्रिपाठी ने देश के कानून मंत्री (law minister) किरन रीजूजू को भेजे पत्र में लिखा है कि एक देश, एक परीक्षा की तर्ज पर संपूर्ण भारतवर्ष के लिए पंचवर्षीय ला कोर्स के लिए वर्तमान में चली आ रही पुरानी व्यवस्थाओं को प्रतिबंधित करते हुए नए तरीके से राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा एजेंसी के माध्यम से नेशनल लॉ ऐडमिशन टेस्ट कराया जाए। सलाह एडमिशन टेस्ट के बाद जो भी प्रणाम विद्यार्थियों को प्राप्त हो उसी के आधार पर उनकी च्वाइस और प्रसन्न ताई देश के आधार पर राजा गीत और केंद्रीय विश्वविद्यालय नेशनल लाइव यूनिवर्सिटी में भरी जाएं तथा इसी स्टाइल को स्कोर मानते हुए निजी विश्व पंचवर्षीय ला कोर्स के लिए सीट भरी जाए।

पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष श्री त्रिपाठी ने अपने पत्र की एक प्रतिलिपि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, विश्व विद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष एम. जगदीश कुमार और अध्यक्ष बार काउंसिल ऑफ इंडिया नई दिल्ली को भी भेजी है।

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