अस्पताल में लगी भीषण आग से चार मरीज जिंदा जले, राज्य सरकार देगी पांच-पांच लाख

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मुंबई। महाराष्ट्र के ठाणे जिले के मुंब्रा इलाके में बुधवार सुबह तड़के प्राइम क्रिटिकेयर अस्पताल में आग लग गई। इस हादसे में चार मरीजों की मौत हो गई, जबकि 20 मरीजों को सुरक्षित बचा लिया गया है। अस्पताल में कोरोना वायरस से संक्रमित कोई मरीज नहीं था।
Huge fire in hospital
स्थानीय विधायक एवं राज्य के गृह निर्माण मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने हादसे के बाद घटनास्थल का दौरा किया। उन्होंने मीडियाकर्मियों को बताया कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रत्येक मृतक के परिजन को पांच-पांच लाख रुपये और घायलों को एक-एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का आदेश दिया है। आव्हाड ने बताया कि अस्पताल में बुधवार तड़के करीब 3.40 बजे आग लग गई। आग लगने के कारणों का पता लगाने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति बनाई गई है। समिति में ठाणे नगर निगम के अधिकारी और पुलिस एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी शामिल हैं।

मृतकों की पहचान

इधर, ठाणे नगर निगम ने कहा है कि इन मरीजों की मौत आग लगने के बाद दूसरे अस्पताल में शिफ्टिंग के दौरान हुई, न कि जलने के कारण। आग लगने के बाद घटनास्थल पर अग्निशमन की तीन गाड़ियां और पांच एंबुलेंस भेजी गई थीं। आग पर काबू पा लिया गया है। अस्पताल में कोरोना वायरस से संक्रमित कोई मरीज नहीं था। मृतकों की पहचान यास्मीन सैयद (46), नवाब शेख (47), हलीमा सलमानी (70) और हरीश सोनवणे (57) के रूप में हुई है। हालांकि इस हादसे में कितने लोग घायल हुए हैं, इसकी अधिकृत जानकारी नहीं मिल सकी है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले पालघर जिले के विरार स्थित एक निजी अस्पताल के आईसीयू वार्ड में आग लगने से कोरोना संक्रमित 15 मरीजों की मौत हो गई थी। नासिक जिले के एक सिविक अस्पताल में तकनीकी दिक्कत के कारण अचानक ऑक्सीजन आपूर्ति रुकने से कोरोना संक्रमित 22 मरीजों की मौत हो गई थी। मुंबई के ड्रीम्स मॉल में बने कोविड अस्पताल में 25-26 मार्च की मध्यरात्रि आग लग गई थी। इसमें 9 मरीजों की मौत हुई थी। भंडारा जिले के एक अस्पताल में 9 जनवरी को आग लगने से 10 शिशुओं की मौत हो गई थी। पिछले साल अक्टूबर में मुंबई के मुलुंड इलाके के एक अस्पताल में आग लगने से दो मरीजों की मौत हो गई थी।
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