आटा, तेल और दूध से लेकर सब्जियों तक के वसूले जा रहे मनमाने दाम, कालाबजारी रोकने में असफल मोदी सरकार

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नई दिल्ली ।। बीते तीन से चार दिनों में शहर में कई बस्तियों की किराना दुकानों पर मनमाने रेट चल रहे हैं। सामान्य दिनों में मिलने वाला 85 रु. का तेल पैकेट अब 110 और 120 रु. में बेचा जा रहा है और आटा 30 से 40 रु. तक बेचे जाने की शिकायतें लोगों ने की हैं। इसके अलावा सब्जियों के भी मनमाने दाम वसूले जा रहे हैं।

संकट के इस दौर में लोगों के साथ हो रही कालाबाजारी की शिकायतें भी बड़े पैमाने पर नापतौल विभाग और प्रशासन के अफसरों तक पहुंच रही हैं। तीन दिनों में सवा सौ से ज्यादा शिकायतें आईं। आलम ये है कि कालाबाजारी रोकने के लिए मोदी सरकार पूरी तरह से असफल होती नजर आ रही है।

शहर के कई प्रमुख बाजारों की दुकानों पर यह स्थिति नहीं है, लेकिन बस्तियों और मध्यमवर्गीय इलाकों में ऐसी स्थितियां बन रही हैं। चार-पांच दिनों से कई स्थानों पर मनमर्जी के रेट पर खाद्य सामग्री और आवश्यक वस्तुएं बेची जा रही हैं, जिसकी शिकायतें लोगों ने पहले तो प्रशासनिक अफसरों से की और वहां से फिर नापतौल विभाग को सूचना दी गई।

कई स्थानों पर टीम पहुंची भी और छानबीन के दौरान ऐसा कोई मामला पकड़ में नहीं आने पर दुकानों को चेतावनी देकर लौट आई। अफसरों का कहना है कि कई स्थानों पर मनमाने तरीके से खाद्य पदार्थों के दाम वसूले जा रहे हैं और इसी के साथ सब्जियों के भी रेट अपने तरीके से दुकानदार वसूल रहे हैं।

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शहर में कई ऐसी भी पान-गुटखे की दुकानें हैं जो घर के आंगन से ही संचालित होती हैं और ऐसी दुकानों के आसपास गुटखे-पाउच और तम्बाकू की बिक्री तो हो रही है, लेकिन वहां भी दोगुने दाम वसूले जा रहे हैं। शहर में कई स्थानों पर सिगरेेट के बड़े थोक व्यापारियों के यहां से माल सप्लाय होना बंद हो गया है, इसलिए स्टाक में रखी गई सिगरेट और पान-मसाला ऊंची दरों पर बेचे जा रहे हैं।

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