Gandhi Jayanti 2021 : महात्मा गांधी को किसने दी थी राष्ट्रपिता की उपाधि, यहां जानें

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देश में हर वर्ष 2 अक्टूबर का दिन महात्मा गांधी की जयंती के रूप में मनाया जाता है। बापू के नाम से विख्यात महात्मा गांधी भारत की आजादी की लड़ाई में 1915 से सक्रिय हुए थे। गांधी जी की एंट्री ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में जान फूंकी। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महात्मा गांधी ने भारतीय समाज और राष्ट्रीयता को नए सिरे से गढ़ने में मदद की। उनकी अहिंसक नीतियों ने अंग्रेजी सरकार के पैर उखाड़ दिए।

Gandhi Jayanti

गांधी जी ने सभी धर्मों को एक समान माना और सभी भाषाओं का सम्मान किया। उन्होंने पुरुषों और महिलाओं को भी बराबरी का दर्जा दिया और और ऊंचनीच की खाई पाटने में अहम भूमिका निभाई। 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में जन्मे महात्मा गांधी ने सत्य और अहिंसा के सिद्धांत के दम पर अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया। महात्मा गांधी के विचारों के सम्मान में हर साल 2 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस भी मनाया जाता है।

यह हैं गांधी जी से जुड़े रोचक तथ्य

  • स्कूल में गांधी जी अंग्रेजी में अच्छे छात्र थे, जबकि गणित में औसत व भूगोल में कमजोर थे। उनकी हैंडराइटिंग बेहदसुंदर थी।
  •  बापू से महान आविष्कारक अल्बर्ट आइंस्टीन खासे प्रभावित थे। उन्होंने कहा था कि लोगों को यकीन नहीं होगा कि कभी ऐसा इंसान भी इस धरती पर जन्म लिया होगा।
  •  महात्मा गांधी कभी अमेरिका नहीं गए और न ही कभी प्लेन में बैठे।
  •  उन्हें अपनी फोटो खिचंवाना पसंद नहीं था।
  • वकालत के दौरान वह अपना पहला केस हार गए थे।
  • वह अपने नकली दांत अपनी धोती में बांध कर रखा करते थे। सर्फ खाना खाते समय ही लगाते थे।
  • उनकी शवयात्रा में लगभग दस लाख लोग शामिल हुए थे और 15 लाख से अधिक लोग रास्ते में
    खड़े हुए थे।
  • उन्हें 5 बार नोबल पुरस्कार के लिए नामित किया गया था लेकिन1948 में पुरस्कार मिलने से पहले ही उनकी हत्या कर दी गयी।
  • महात्मा गांधी श्रवण कुमार की कहानी और हरिश्चन्द्र के नाटक को देखकर काफी प्रभावित हुए थे।
  • राम के नाम से उन्हें इतना प्रेम था की मरने के आखिरी क्षण में भी उनके मुंह से आखिरी शब्द राम ही निकला था था।
  • साल 1930 में अमेरिका की टाइम मैगजीन ने उन्हें Man Of the Year से उपाधि से
    दी थी
  • भारत में कुल 53 बड़ी सड़कें महात्मा गांधी के नाम पर हैं जबकि विदेश में भी 48 सड़कों के नाम महात्मा गांधी के नाम पर हैं।
  • 1934 में भागलपुर में आये भूकंप पीड़ितों की सहायता के लिए उन्होंने अपने ऑटोग्राफ के लिए पांच-पांच रुपये की राशि ली थी।
  • यह तो हर किसी को पता है कि महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता कहकर संबोधित किया जाता है लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि उन्हें यह उपाधि किसने दी थी? महात्मा गांधी को सबसे पहले सुभाष चंद्र बोस ने ‘राष्ट्रपिता’ कहकर संबोधित किया था। सुभाष चंद्र बोस ने 4 जून 1944 को सिंगापुर रेडिया से एक संदेश प्रसारित किया था जिसमें उन्होंने उन्हें ‘राष्ट्रपिता’ महात्मा गांधी कहा था।
  • कवि और नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर ने गांधीजी को महात्मा की उपाधि दी थी।
  • क्या आपको पता है कि जब 15 अगस्त 1947 को भारत को आजादी मिली थी तो महात्मा गांधी इस जश्न में शामिल नहीं हुए थे। उस वक्त वे दिल्ली से हजारों किलोमीटर दूर बंगाल के नोआखली में थे। वहां वे हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच हो रही सांप्रदायिक हिंसा को रोकने के लिए अनशन पर बैठे थे।
  • आजादी की निश्चित तिथि से दो सप्ताह पहले ही महात्मा गांधी ने दिल्ली को छोड़ दिया था। उन्होंने चार दिन कश्मीर में बिताए और उसके बाद ट्रेन से वह कोलकाता चले गए थे जहां साल भर से चला रहा दंगा खत्म नहीं हो रहा था
  • गांधीजी ने 15 अगस्त 1947 का दिन 24 घंटे का उपवास रख करके मनाया था। उस वक्त देश को आजादी तो मिली थी लेकिन इसके साथ ही मुल्क का बंटवारा भी हो गया था। पिछले कुछ महीनों से देश में लगातार हिंदू और मुसलमानों के बीच दंगे हो रहे थे। इस अशांत माहौल से गांधीजी काफी दुखी थे।
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