Ganesh Chaturthi 2022: व्रत के साथ करें गणेश जी की पूजा, मिट जायेंगे सारे कष्ट

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हिंदू धर्म शास्त्र में गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) तिथि का विशेष महत्व है। ये चतुर्थी महीने में दो बार आती है। कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी या गणेश चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। वहीं शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी कहते हैं। इस साल ज्येष्ठ महीने में पड़ने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 19 मई दिन गुरुवार को पड़ रही है। इस दिन 2:57 बजे शाम तक साध्य योग है। इसके बाद शुभ योग बनेगा।

Ganesh Chaturthi 2022

ज्योतिषी बताते हैं कि संकष्टी चतुर्थी के दिन चन्द्रमा धनु राशि पर गोचर करेगा (पूरा दिन-रात), जबकि सूर्य वृषभ राशि पर होंगे। ऐसे में संकष्टी चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) का व्रत और पूजन अधिक शुभ फलदायी होगा। कहते हैं इस दिन गणेश पूजन से भक्तों के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और उनके सारे संकट दूर हो जाते हैं।

क्या है संकष्टी चतुर्थी?

संकष्टी चतुर्थी का अर्थ होता है संकट को हरने वाली चतुर्थी। संकष्टी शब्द संस्कृत भाषा से लिया गया।
इस शब्द का अर्थ है ‘कठिन समय से मुक्ति पाना। धार्मिक मान्यता है कि भगवान गणेश के पूजन से सारे संकटों से मुक्ति मिल जाती है। (Ganesh Chaturthi)

संकष्टी चतुर्थी तिथि व नक्षत्र

कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि प्रारंभ: 18 मई 11:37 PM
कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि समापन: 19 मई 08:24 PM
पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र : 19 मई 05:37 AM –20 मई 03:17 AM
संकष्टी चतुर्थी व्रत पूजन शुभ काल (Ganesh Chaturthi)

चंद्रोदय का समय- रात 10 बजकर 48 मिनट पर

अभिजीत मुहूर्त: 19 मई को 11:56 AM – 12:49 PM
अमृत काल: 19 मई को 10:57 PM – 12:24 AM
ब्रह्म मुहूर्त: 19 मई को 04:12 AM – 05:00 AM  (Ganesh Chaturthi)

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