अधिकांश लोगों को ये बात पता नहीं होती कि हर महीने दो चतुर्थी व्रत पड़ते हैं। शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी और कृष्ण पक्ष की चतुर्थी विनायक चतुर्थी कहा जाता है। इस साल की अंतिम संकष्टी चतुर्थी 22 दिसंबर को पड़ेगी। संकष्टी चतुर्थी इसके नाम से ही पता चलता है कि ये मुश्किलों को खत्म करने वाली होती है। संकष्टी चतुर्थी दिन व्रत रखकर भगवान गणेशजी की विधि-विधान से पूजा की जाती है। कहते हैं कि यदि किसी महीने में संकष्टी चतुर्थी मंगलवार के दिन पड़ जाती है तो ये विशेष लाभदायी मानी जाती है। मंगलवार को इसे अंगारकी संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। व्ही चतुर्थी बुधवार के दिन पर काफी शुभ मानी जाती है क्योंकि बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है।
पूरी होंगी सभी मनोकामनाएं
धार्मिक मान्यता है कि इस दिन गणेश जी सच्चे दिल से पूजा और व्रत करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। परिवार के सभी कष्ट दूर होते हैं और कर्ज खत्म भी समाप्त हो जाता है।
संकष्टी चतुर्थी पूजन विधि
पूजा के दौरान जाप करें
“ॐ भक्तविघ्नविनाशनाय नमः॥”
पूजन मुहूर्त: रात 20:15 से रात 21:15 तक (अमृत काल)
चंद्र दर्शन मुहूर्त: रात 20:30 से रात 21:30 तक