दहशतगर्दों का काम तमाम कर रही गरुड़ स्पेशल फोर्स, पुलवामा में 4 को उतारा मौत के घाट

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पुलवामा मुठभेड़ में, जिसमें शनिवार को इंडियन आर्मी के नेतृत्व में एक अभियान में चार दहशतगर्द मारे गए थे, गरुड़ स्पेशल फोर्स के बहादुरों ने एक अहम भूमिका निभाई। दरअसल, गरुड़ स्पेशल फोर्स एक सैनिक को 2 गोलियां लगी इसके बावजूद उस जवान ने आतंकवादियों पर गोलियां चलाना जारी रखा और बहादुरी से उनका मुकाबला किया।

Garuda Special Force

आपको बता दें कि गरुड़ कमांडो चार साल पहले एक बड़े ऑपरेशन के लिए सुर्खियों में थे, जब उन्होंने 2017 में दो बड़े ऑपरेशन किए, जिसमें उन्होंने आठ आतंकवादियों को मार गिराया। सूत्रों ने बताया कि पुलवामा अभियान के लिए शनिवार को आर्मी की 55 राष्ट्रीय राइफल्स, जम्मू-कश्मीर पुलिस समेत सुरक्षाबलों ने शाम करीब सात बजे पुलवामा जेन इलाके के नायरा गांव में घेराबंदी कर तलाशी अभियान चलाया।

कुछ वक्त बाद, फोर्स स्थानीय लोगों की इनपुट के आधार पर एक विशेष घर के अंदर आतंकवादियों की मौजूदगी का पता लगाने में कामयाब रहे। फोर्स ने फौरन नागरिकों को घर के अंदर और आसपास से निकाला और सुनिश्चित किया कि उन्हें सुरक्षित दूरी पर भेजा जाए।

गरुड़ स्पेशल फोर्स ने घर के चारों ओर की घेराबंदी कर दी जिससे दहशतगर्दों को मौके से भागने के लिए बलों पर फायरिंग शुरू करने के लिए मजबूर होना पड़ा। घेरा तोड़ने के प्रयास में भारी फायहिंग का सहारा लेते हुए, आतंकवादी सेना और गरुड़ कर्मियों के साथ सीधी गोलीबारी में आ गए, जिसके परिणामस्वरूप दोनों ओर से भारी गोलाबारी हुई।

गोली लगने के बाद भी आतंकियों को उतारा मौत के घाट

सूत्रों ने कहा इस प्रक्रिया में गरुड़ स्पेशल फोर्स के स्क्वाड्रन लीडर संदीप झंजारिया को एक गोलाबारी से मारा गया और उनके सीने और बाएं हाथ पर दो गोलियां लगीं। घायल होने के बावजूद, अधिकारी तब तक आतंकवादियों से लड़ता रहा, जब तक कि भाग रहे तीनों आतंकवादियों का सफाया नहीं हो गया।

तो वहीं आगे बताया गया कि जब तीनों को मारने के बाद फौजी घर में और आतंकवादियों की तलाश कर रहे थे, तो वहां छिपे एक आतंकवादी ने बाहर आकर गरुड़ सैनिकों की पार्टी पर फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें कॉर्पोरल आनंद को एक गोली लगी। जवानों ने चौथे आतंकवादी को भी तुरंत मार गिराया।

 

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