सही समय पर कराएं बच्चों का अन्नप्राशन और गर्भवती की गोद-भराई : डीपीओ

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महराजगंज। सही समय पर बच्चों का अन्नप्राशन और गर्भवती की गोदभराई कराने के लिए बाल विकास परियोजना अधिकारियों और मुख्य सेविकाओं को प्रशिक्षित किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला कार्यक्रम अधिकारी दुर्गेश कुमार ने कहा कि यहां से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद सभी सीडीपीओ और मुख्य सेविका अपने-अपने क्षेत्र की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी प्रशिक्षित करें ताकि केन्द्रों पर समुदाय आधारित गुणवत्तापरक गतिविधियाँ भी आयोजित की सकें।

UNICEF

यूनिसेफ के माध्यम से चयनित संस्था रमा फाउंडेशन के सहयोग से विकास भवन सभागार में मंगलवार को आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में डीपीओ ने कहा कि छह माह तक बच्चे को सिर्फ और सिर्फ मां का दूध पिलाएं। छह माह बाद बच्चे को मां के दूध के साथ दिया जाने वाला आहार ऊपरी ही पूरक आहार कहलाता है। छह माह बाद शिशु की पोषण की आवश्यकता बढ़ जाती है। बढ़ती आवश्यकता के लिए मां का दूध पर्याप्त नहीं होता। छह माह के बाद अन्नप्राशन कराएं। दो वर्ष तक पूरक आहार के साथ स्तनपान भी जारी रखें।

स्वच्छता व साफ सफाई के बारे में भी जानकारी दी

सही समय और सही मात्रा में अन्नप्राशन कराने से बच्चा सेहतमंद होता है। बच्चे के मानसिक, शारीरिक और सामाजिक विकास के लिए ऊपरी आहार जरूरी होता है। बाल विकास परियोजना अधिकारी मनोज कुमार शुक्ला ने बच्चे को ऊपरी आहार के आठ सूत्रों के बारे में विस्तार से बताया। स्वच्छता व साफ सफाई के बारे में भी जानकारी दी। छह माह पूर्ण होने पर गाढ़ा मसला हुआ मुलायम आहार जो आसानी से निगला जा सके। छह से सात माह के बीच में मसला हुआ मुलायम आहार, नौ से ग्यारह माह में पतला बारीक कटा एवं मसला हुआ खाना जो बच्चा स्वयं उठाकर खा सके। एक से दो साल तक घर में बनने वाला खाना दिया जाना चाहिए।

गोदभराई के लिए गुणवत्ता परक समुदाय आधारित गतिविधियाँ आयोजित करने के संबंध में रमा फाउंडेशन के जिला समन्वयक इशरत अहमद और शैलेंद्र सिंह ने बताया कि गर्भवती को गर्भावस्था के दौरान पौष्टिक आहार लेने के बारे में विशेष जानकारी देने के लिए गोदभराई कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। इस कार्यक्रम में गर्भवतियों को प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस, खुशहाल परिवार दिवस, टीकाकरण के बारे में भी जानकारी दी जाए। ताकि गर्भवती इन योजनाओं का लाभ उठा सकें।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में बाल विकास परियोजना अधिकारियों और मुख्य सेविकाओं में बृजेन्द्र जायसवाल, विजय चौधरी, निरजा गुप्ता विनीता वर्मा, शांति सिंह, मीनाक्षी, अर्चना, अनुराग त्रिपाठी,चन्द्र कांती देवी, शोभावती, सुधा, उर्मिला, प्रतिमा, रीता, मंजू देवी प्रमुख रूप से मौजूद रहीं।

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