Gomti River Front Scam: योगी सरकार ने उठाया ये बड़ा कदम, अब इन अफसरों की खैर नहीं

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लखनऊ। अखिलेश यादव के मुख्यमंत्रित्व काल में हुए लखनऊ के गोमती रिवर फ्रंट घोटाले (Gomti River Front Scam) की सीबीआई जांच को लेकर तत्कालीन अधिशासी अभियन्ता आरएस यादव के खिलाफ मुकदमा शुरू करने की अनुमति राज्य सरकार ने दे दी है।
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गृह विभाग के मुताबिक, गोमती रिवर फ्रंट डेवलेपमेन्ट परियोजना (Gomti River Front Scam) में कराये गये निर्माण कार्यों में हुयी अनियमितताओं की सीबीआई जांच के क्रम में शारदा नहर, लखनऊ खंड के तत्कालीन अधिशासी अभियन्ता रूप सिंह यादव के विरूद्ध न्यायालय में मुकदमा चलाये जाने को अभियोजन स्वीकृति सम्बन्धी आदेश शासन ने जारी कर दिया है।
सीबीआई द्वारा इस मामले में विवेचना के बाद सिंचाई विभाग के रूप सिंह यादव व एक अन्य कार्मिक को दोषी पाये जाने पर उनके विरुद्ध न्यायालय में मुकदमा चलाये जाने के लिए अभियोजन की विधिक स्वीकृति सम्बन्धी आदेश उपलब्ध कराने को कहा गया था।
इसके बाद शासन द्वारा अभियोजन स्वीकृति सम्बन्धी आदेश की प्रति पुलिस अधीक्षक, प्रधान शाखा, केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो, एसीबी, लखनऊ को भेज दी गई है। (Gomti River Front Scam)

इनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल (Gomti River Front Scam)

गोमती रिवरफ्रंट के सौंदर्यीकरण के ठेके देने में भ्रष्टाचार और अनियमितता करने के मामले में सीबीआई शारदा कैनाल लखनऊ डिवीजन के तत्कालीन एक्जीक्यूटिव इंजीनियर और प्रभारी सुपीरिटेंडिंग इंजीनयर रूप सिंह यादव, इरिगेशन वर्क्स के तत्कालीन जूनियर असिस्टेंट राजकुमार यादव, केके स्पन के निदेशक हिमांशु गुप्ता, निदेशक कविश गुप्ता, ब्रांड ईगल्स के सीनियर एडवाइजर बद्री श्रेष्ठ के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। (Gomti River Front Scam)
चार्जशीट के मुताबिक उप्र शासन और भारत सरकार के निर्देश पर 30 नवम्बर 2017 को मामला दर्ज किया था और विवेचना की थी। इसी मामले को लेकर गोमतीनगर में भी रिपोर्ट दर्ज कराई गई, जिसमें आरोप लगाया गया था कि गोमतीनगर रिवरफ्रंट के तट को बनाने और सौंदर्यीकरण करने में इरिगेशन विभाग ने अनियमितता की। विवेचना के दौरान सामने आया कि आरोपितों ने गोमती में गिरने वाले नालों को रोकने के काम को देने में अनियमितता की तथा आरोपितों ने इस कार्य को एक प्राइवेट फर्म को देने के लिए टेंडर की तारीख को दो बार बढ़ाया। (Gomti River Front Scam)

इसके साथ ही टेंडर प्रक्रिया में कम से कम तीन फर्म की बाध्यता को पूरा करने के लिए दूसरी फर्म के जाली कागजात भी इन भ्रष्ट कर्मियों ने उपलब्ध कराए। चार्जशीट में आरोप लगाया गया कि आरोपितों ने बिना फण्ड आवंटन और अनुमोदन के काम का अनुबंध किया। वहीं एल टू फर्म की बैंक गारंटी को एल वन के बैंक अकॉउंट से बनवाया गया। विवेचना के दौरान 19 नवम्बर, 2020 को आरोपित रूप सिंह यादव और राज कुमार यादव को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया।  (Gomti River Front Scam)

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