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Up Kiran, Digital Desk: क्या आपने कभी सोचा है कि जब बड़े निवेशक बाजार में पैसा लगाते हैं, तो आम लोगों पर इसका क्या असर होता है? भारतीय शेयर बाजार के लिए एक अच्छी और सकारात्मक खबर सामने आई है! अक्सर बाजार की चाल विदेशी और घरेलू निवेशकों (Foreign Institutional Investors - FIIs और Domestic Institutional Investors - DIIs) के खरीदने और बेचने के तरीकों पर निर्भर करती है. एक नई रिपोर्ट के मुताबिक, अक्टूबर 2025 में FIIs और DIIs दोनों ने ही भारतीय शेयर बाजार में नेट खरीददारी की है! यह जानकर आपको अच्छा लगेगा, क्योंकि इसका सीधा मतलब है कि बड़े खिलाड़ियों को भारतीय अर्थव्यवस्था और कंपनियों पर भरोसा बढ़ा है.

विदेशी और घरेलू निवेशकों ने दिखाया भरोसा

अक्टूबर का महीना भारतीय शेयर बाजार के लिए उम्मीद भरा रहा है. जहाँ पिछले कुछ समय से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPIs) बीच-बीच में बिकवाली करते रहे हैं, वहीं इस बार उन्होंने नेट आधार पर खरीदारी की है. इसी तरह, घरेलू संस्थागत निवेशक (DIIs) तो लगातार भारतीय बाजारों को सपोर्ट करते ही रहे हैं, और अक्टूबर में उनकी खरीददारी भी जारी रही. जब दोनों प्रमुख निवेशक वर्ग मिलकर खरीदारी करते हैं, तो बाजार में आमतौर पर सकारात्मक माहौल बनता है और स्थिरता आती है. यह दिखाता है कि न सिर्फ विदेशियों को, बल्कि अपने देश के संस्थागत निवेशकों को भी भविष्य में अच्छे रिटर्न की उम्मीद है.

इस खरीदारी के मायने क्या हैं?

यह रुझान भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए कुछ सकारात्मक संकेत देता है:

  1. निवेशक सेंटिमेंट में सुधार: FIIs और DIIs का एक साथ नेट खरीदार बनना बताता है कि भारतीय बाजारों को लेकर निवेशकों का भरोसा बढ़ा है. यह घरेलू और वैश्विक दोनों तरह के आर्थिक सुधारों से जुड़ा हो सकता है.
  2. बाजार की मजबूती: जब दोनों प्रमुख निवेशक वर्ग पैसा लगाते हैं, तो यह बाजार में तरलता (liquidity) बढ़ाता है और प्रमुख सूचकांकों जैसे सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी (Nifty) को मजबूत करता है.
  3. आर्थिक स्थिरता: यह देश की आर्थिक स्थिरता और विकास क्षमता में विश्वास का प्रतीक भी हो सकता है, जिससे लंबी अवधि के निवेशकों के लिए अच्छा माहौल बनता है.

यह रिपोर्ट दर्शाती है कि भारतीय शेयर बाजार में अभी भी ग्रोथ की संभावनाएं हैं और बड़े निवेशक इसे पहचान रहे हैं. यह न केवल संस्थागत निवेशकों के लिए, बल्कि आम रिटेल निवेशकों के लिए भी उत्साहवर्धक खबर है, क्योंकि यह बाजार के मजबूत मूलभूत सिद्धांतों (strong fundamentals) का संकेत देती है. उम्मीद है कि यह सकारात्मक रुझान आगे भी बना रहेगा और भारतीय बाजार नई ऊंचाइयों को छुएगा.