गूगल ने ढूंढ निकाला बीमारी का पता लगाने का तरीका, वास्तविक उम्र और ध्रूम्रपान करता है या नहीं, ये भी बता देगा

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अजब-गजब॥ इंटरनेट सर्च इंजन गूगल और उसके स्वास्थ्य-तकनीकी में सहयोगी वेरिली के वैज्ञानिकों ने अब इंसानों में बीमारी का पता लगाने का तरीका भी खोज लिया है। कंपनी ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की सहायता से मरीज की आंख के रेटिना को स्कैन करेगी और हृदय की बीमारी का पता लगाएगी।

कंपनी का सॉफ्टवेयर किसी की वास्तविक उम्र और ब्लड प्रेशर के अलावा यह भी बताने में सक्षम है कि व्यक्ति धूम्रपान करता है या नहीं। खास बात यह है कि यह सॉफ्टवेयर आंख की रेटिना की जांच कर हृदय की बीमारी के कारण के बारे में भी बता सकता है। इस एल्गोरिदम से डॉक्टरों को हृदय से संबंधित बीमारी का इलाज करने में आसानी होगी और समय की भी बचत होगी।

इस सॉफ्टवेयर से जुड़े विशेषज्ञों का दावा है कि इसके बाद आपको रक्त जांच कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी। लेकिन इसे चिकित्सकीय तौर पर अपनाने से पहले इसका गहन परीक्षण जरूरी है।गूगल और वेरिली के वैज्ञानिकों ने इस एल्गोरिदम से लगभग 3 लाख मरीजों का चिकित्सकीय आंकड़ा तैयार कर उसका विश्लेषण किया। इसमें आंख के स्कैन के साथ ही साधारण चिकित्सकीय डाटा भी है।

वैज्ञानिकों ने आंखों का स्कैन करने के बाद उसका विश्लेषण किया। ये रिसर्च ‘नेचर जर्नल बॉयोमेडिकल इंजीनियरिंग’ में छपा है। गूगल एल्गोरिदम के सामने दो इंसानों की रेटिना के चित्र पेश किए गए। एक इंसान पिछले 5 साल से हृदय की बीमारी से पीड़ित था, जबकि दूसरा स्वस्थ था। गूगल एल्गोरिदम ने दोनों को बारे में सटीक सूचना दी।

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गूगल एल्गोरिदम ने हृदय की बीमारी से पीड़ित के बारे में बताया कि इसमें 70 फीसदी हृदयाघात का खतरा है। रक्त जांच कराने पर भी यही पता चला कि इस व्यक्ति में 72 फीसदी हार्ट अटैक का खतरा है। चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इलाज का सिर्फ एक बार आंकड़ा लिया जा रहा है और उससे कई चीजों के बारे में पता चल जाए, तो यह अच्छा है। इनका मानना है कि इस तकनीक से डॉक्टरों को सहायता मिलेगी।

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