Gorakhnath Temple ने योगी सरकार के इस आदेश पर लाया अमल, कर्मचारियों को दिया गया सख्त निर्देश

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गोरखपुर, 23 अप्रैल। यूपी की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने ‘धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर की आवाज की सीमा तय कर दी जिससे किसी को असुविधा न हो’। यह निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश भर के लिए जारी करने के साथ बतौर गोरक्षपीठाधीश्वर पीठ (Gorakhnath Temple) और उससे जुड़े मंदिरों में लागू भी कर दिया है।

Gorakhnath Temple

गोरखनाथ मंदिर (Gorakhnath Temple) सहित उससे जुड़े सभी मंदिरों में लगे लाउडस्पीकर की आवाज कम कर दी गई है। अब गोरखनाथ मंद‍िर में बजने वाले भजन की आवाज मंद‍िर पर‍िसर से बाहर नहीं जा रही है। सभी मंदिरों में भजनों की गूंज अब परिसर से बाहर नहीं जा रही है। उसे ध्वनि प्रदूषण के मानक स्तर से कम कर दिया गया है। मंदिर प्रबंधन के मुताबिक भजन बजाने वाले को इस बाबत सख्त निर्देश दे दिया गया है।

आपको बता दें कि गोरखनाथ मंदिर (Gorakhnath Temple) और जिले में उससे जुड़े मानसरोवर मंदिर, मंगला माता मंदिर, रामजानकी मंदिर, सोनबरसा मंदिर में प्रतिदिन सुबह चार से साढ़े सात बजे यानी साढ़े तीन घंटे तक और शाम को पांच से साढ़े सात बजे यानी ढाई घंटे तक लाउडस्पीकर से भजन बजाया जाता है।

माहौल में भक्ति भाव घोलने के लिए भजनों की गूंज ध्वनि प्रदूषण के मानक से काफी अधिक रहती थी। गुरुवार को जब उन्होंने इस आवाज को कम रखने का निर्देश प्रदेश भर के धार्मिक स्थलों के लिए जारी किया तो उसे गोरक्षपीठ पर भी पूरी सख्ती से लागू करके अन्य धार्मिक स्थलों के लिए उदाहरण प्रस्तुत किया।(Gorakhnath Temple)

वहीँ मंदिर प्रबंधन (Gorakhnath Temple) के मुताबिक अब भजनों की गूंज मंदिर परिसर से बाहर नहीं जा रही। उसे ध्वनि प्रदूषण के सामान्य स्तर 45 डेसीबल के आसपास ही रखा जा रहा है। ऐसा गोरक्षपीठ से जुड़े मंदिरों में सुनिश्चित किया जा रहा है। अब किसी भी धार्मिक स्थल पर नया लाउडस्पीकर न लगने पाए, यह भी मुख्यमंत्री का निर्देश है।

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