Taj Mahal के इस गेट को खोलने से डरती है सरकार, जानें इसके पीछे की सच्चाई

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अजब-गजब॥ आज हम बात करने वाले हैं ताज महल (Taj Mahal) के उस गेट के बारे में जिसे खोलने से सरकारें भी डरती हैं। दरअसल ऐसा माना जाता है कि Taj Mahal का निर्माण सन् 1631 में शुरू करवाया गया था और साल 1653 में ये बनकर तैयार हुआ। और आज भी इसे निर्माण कुशलता का एक बेमिसाल उदाहरण बताया जाता है।

Mahashivratri 2021 tajmahal

शोधकर्ताओं ने इस पर कई रिसर्च किए और उनका आज भी मानना है कि Taj Mahal के नीचे हजार से भी अधिक कमरें हैं। उनका मानना है कि Taj Mahal जितना ऊंचा है, ये जमीन के भीतर भी उतनी ही गहराई तक बनवाया गया है। उस दौर में जब कोई भी किला बनवाया जाता था, तो उसमें बाहर निकलने का रास्ता भी बनवाया जाता था। और ऐसा ही Taj Mahal के भीतर भी है। इसके नीचे से एक रास्ता भी है। जो कहीं दूर बाहर निकलता है। किंतु उन तहखानों की तरह ही उसे भी शाहजहां के समय में ही बंद करवा दिया गया। Taj Mahal के नीचे के इन कमरों को ईंटों से ही बंद करवाया गया।

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किंतु शोधकर्ताओं का मानना है कि जिन ईंटों से इन कमरों को बंद किया गया है। इन ईंटों का निर्माण इन कमरों के बाद किया गया। किंतु आखिर क्या वजह थी जो इन कमरों को बनवाने के बाद इन्हें बंद करना पड़ा। कुछ पुरातत्व वैज्ञानिक और शोधकर्ताओं की इसपर अलग- अलग राय है। (Taj Mahal)

कुछ का मानना है कि इन तहखानों में मुमताज महल के कब्र को रखा गया है। और इन कमरों को सरकारी तौर पर बंद किया गया है। किंतु ऐसा क्यों किया गया है इसकी पूरी जानकारी किसी के भी पास नहीं है। कुछ पुरातत्व शास्त्रों और लेखकों का ये कहना है कि इस जगह पर पहले एक शिव मंदिर था और उसे ताजु महालया कहा जाता था। (Taj Mahal)

बाद में उसके ऊपर Taj Mahal का निर्माण करवाया गया। इसलिए ये तहखाने ताज महल से भी पुराने हैं। किंतु अब एक नई conspiracy theory सामने आ रही है, जिसके मुताबिक ताज महल के नीचे इन तहखानों में कीमती खजाने भी हो सकते हैं। मेटल डिटेकटर से इनके नीचे कई तरह की धातु होने की पुष्टि हुई है।

किंतु पुरातत्व शास्त्रियों का ये भी मानना है कि इसके अंदर कई ऐसे ऐतिहासिक दस्तावेज भी हो सकते हैं, जो हमारे इतिहास तक को बदल सकते हैं। इन तहखानों की खोजबीन की खबरें तो काफी आईं, किंतु इन्हें कभी भी अमली जामा नहीं पहनाया जा सका। इनमें से कई दरवाजे तो खोले गए, किंतु बाद में बंद करवा दिए गए। जिससे ये रहस्य और भी गहरा जाता है कि न दीवारों के पीछे क्या है। जिसे जानने से सरकारें भी डरती हैं। (Taj Mahal)

 

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