मुस्लिमों को सरकार ने फिर दिया तगड़ा झटका, बाबरी मस्जिद को लेकर कही ये बात

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उत्तर प्रदेश॥ अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन हो चुका है। इसके बाद मुस्लिम पक्षकारों की ओर से बाबरी मस्जिद का मलबा हासिल करने के लिए हाजी महबूब और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मांग की है। इस पर यूपी प्रशासन ने साफ मना कर दिया है कि पूरे मामले का उच्चतम न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट) से निस्तारण हो चुका है।

जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने बताया कि फैसले के बाद संपूर्ण भूमि के मालिक रामलला हो चुके हैं। यह कैसे तय होगा कि कौन मलबा मंदिर का था, कौन मस्जिद का।इसकारण मलबा मांगने की मांग उपयुक्त नहीं है। बाबरी मस्जिद के पक्षकार हाजी महबूब ने बताया कि कोर्ट के आदेश में बाबरी मस्जिद को छह दिसंबर 1992 को ढहाना आपराधिक कृत्य माना गया है,इसके बाद उसका पवित्र मलबा लेना आवश्यक है।

मस्जिद का निर्माण गैरकानूनी साबित नहीं हुआ है। महबूब ने बताया कि हम विराजमान रामलला का दस गुणा दस फीट भूमि छोड़कर मस्जिद की मिट्टी, उसके खंभे, पत्थर आदि की मांग कर रहे हैं। बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी संयोजक व अधिवक्ता जफरयाब जिलानी ने बताया कि प्रशासन नहीं माना तो नए सिरे से उच्चतम न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट) जाएंगे।

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