भारत की वर्तमान सरकार पेट्रोल-डीजल के रेट कम करने पर विचार कर रही है। यदि पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के सुझावों पर यदि GST काउंसिल अमल करती है तो देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें आधी हो जाएगी।
दो दिन पूर्व पेट्रोलियम मंत्री ने कहा था कि उनका मंत्रालय GST परिषद से पेट्रोलियम उत्पादों को अपने दायरे में शामिल करने का निरंतर अनुरोध कर रहा है, क्योंकि इससे लोगों को लाभ होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी कुछ ऐसे ही संकेत दे चुकी हैं।
पेट्रोल के भाव पहले ही राजस्थान और मध्य प्रदेश में कुछ जगहों पर 100 रुपये से ज्यादा हो गई है। पेट्रोल-डीजल के महंगे होने के सबसे बड़ा कारण कर ही है। मोदी सरकार उत्पाद शुल्क तथा प्रदेश वैट वसूलते हैं। अभी केंद्र व प्रदेश सरकारें उत्पाद शुल्क व वैट के नाम पर 100 प्रतिशत से अधिक टैक्स वसूल रही हैं।
इन दोनों की दरें इतनी अधिक है कि 35 रुपये का पेट्रोल प्रदेशों में 90 से 100 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच रहा है। राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 91 रुपये प्रति लीटर के करीब पहुंच गई है और डीजल 81 रुपये प्रति लीटर को पार कर गया। इस पर केंद्र ने क्रमशः 32.98 रुपए लीटर और 31.83 रुपए लीटर का उत्पाद शुल्क लगाया है।