गुर्जर आंदोलन: छठें दिन भी दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग पर गुर्जरों का कब्जा, जानें क्या है उनकी मांगे

img

भरतपुर जिले के पीलूपुरा में एमबीसी आरक्षण समेत विभिन्न मांगों को लेकर दिल्ली-मुंबई रेल ट्रेक जाम कर बैठे गुर्जर समुदाय का आंदोलन शुक्रवार को छठें दिन भी जारी है। कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला और उनके पुत्र विजय बैंसला के नेतृत्व में चल रहे आंदोलन के बीच सरकारी स्तर पर सुलह के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन सुलह की कोशिशें परवान नहीं चढ़ पा रही है।

gurjer

इस बीच, सरकार से बीते दिनों समझौता वार्ता कर चुके नहरा क्षेत्र के पंच-पटेल कर्नल बैंसला पर आंदोलन को लेकर लगातार हमलावर हो रहे हैं, बावजूद इसके कर्नल बैंसला आंदोलन पर उतारू हैं। युवा एवं खेल मामलात राज्यमंत्री अशोक चांदना ने कहा है कि सरकार ने मानने योग्य सभी मांगों को मान लिया है, कर्नल बैंसला और संघर्ष समिति आंदोलन छोड़ वार्ता के लिए आगे आए।

उन्होंने कहा है कि अति पिछड़ा वर्ग के शैक्षणिक, सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पिछली दो सरकारों में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।

भरतपुर जिले में पीलूपुरा स्थित रेलवे ट्रैक पर छठें दिन शुक्रवार को भी गुर्जर जमे रहे। हालांकि, गुरुवार व शुक्रवार को सरकार और आंदोलनकारी गुर्जरों की ओर से समझौते की कोई पहल नहीं हुई। स्वास्थ्य कारणों से कर्नल बैसला भी पूरे दिन ट्रैक पर नहीं आए, लेकिन उनके बेटे विजय बैंसला ने कहा कि सरकार शांतिदूतों के साथ बैकलॉग भर्तियों समेत अन्य मांगों को पूरी करने के आदेश की कॉपी भेजे।

इससे पहले यह आंदोलन खत्म नहीं होगा। सरकार से 31 अक्टूबर को समझौता करके आए 41 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल के लोगों ने कर्नल बैंसला पर पुत्र मोह में फंसकर अनावश्यक रूप से आंदोलन चलाने का आरोप लगाया। उनका कहना था कि उनके द्वारा किए गए समझौते से पूरा समाज सहमत है।

सरकार ने इसे लागू करना भी शुरू कर दिया है, फिर भी अगर समझौते में कोई बिंदु रह गया है तो उस बारे में सरकार से टेबल पर वार्ता की जा सकती है। दूसरे गुट ने कर्नल बैसला से आंदोलन खत्म करके रेलवे ट्रैक खाली करने की अपील भी की। गुर्जर आंदोलन की आग अब भरतपुर जिले के अलावा प्रदेश के अन्य जिलों में भी फैल रही है। गुर्जर आंदोलन के चलते पुलिस और प्रशासन बीते 6 दिनों से पीलूपुरा एवं बयाना क्षेत्र में डेरा डाले हुए हैं।

प्रशासन ने क्षेत्र में 2800 पुलिसकर्मी तैनात कर रखे हैं। आंदोलन के कारण पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारी भी बयाना से आंदोलन पर नजर लगाए हुए हैं। आंदोलन के कारण क्षेत्र के आधा दर्जन आगारों से बस सेवा और दिल्ली-मुंबई ट्रेक पर यात्री व मालगाडिय़ों का आवागमन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

Related News