Gyanvapi Mosque Case: हाईकोर्ट का बड़ा आदेश, निचली अदालत के इस फैसले पर लगाई रोक

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प्रयागराज। वाराणसी के ज्ञानवापी स्थित मंदिर- मस्जिद भूमि विवाद मामले में हाईकोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने एएसआई द्वारा मस्जिद की जमीन की खुदाई कराकर सर्वेक्षण कराए जाने के सिविल जज के आदेश पर रोक लगा दी है। अदालत के इस आदेश के बाद फिलहाल ज्ञानवापी मस्जिद की खुदाई और सर्वेक्षण नहीं होगा। हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को दो हफ्ते के भीतर नए सिरे से जवाब दाखिल करने को कहा है। तब तक के लिए निचली अदालत के निर्णय पर रोक लगी रहेगी। कोर्ट के इस फैसले से मुस्लिम पक्षकारों को फ़िलहाल के लिए राहत मिल गयी। यह फैसला जस्टिस प्रकाश पाडिया की सिंगल बेंच ने सुनाया है।

Gyanvapi Mosque Case:

गौरतलब है कि 8 अप्रैल 2021 को वाराणसी के सीनियर डिवीजन सिविल जज ने ज्ञानवापी स्थित मंदिर- मस्जिद भूमि विवाद मामले में सर्वेक्षण का आदेश दिया था। दरअसल एएसआई से खुदाई कराकर सर्वेक्षण के जरिए हकीकत का पता लगाए जाने का आदेश दिया गया था। निचली अदालत के इस फैसले पर असहमति जताते हुए मुस्लिम पक्षकारों ने इसे इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।

मस्जिद की इंतजामिया कमेटी और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने इस आदेश के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। 31 अगस्त को सुनवाई पूरी होने के बाद हाईकोर्ट ने अपना जजमेंट रिजर्व कर लिया था। बता दें कि मस्जिद की जमीन पर दूसरे धर्मों के लोग अपना दावा कर रहे हैं। उनका दावा है कि मंदिर को तोड़कर वहां मस्जिद बनवाई गयी थी। उनका कहना था कि हिंदुओं को वहां पर पूजा करने का अधिकार मिलना चाहिए।

मुस्लिम पक्षकारों ने कोर्ट में दलील दी थी कि वाराणसी के सीनियर डिवीजन सिविल जज को इस तरह के मामले में सुनवाई का कोई अधिकार नहीं है। उल्लेखनीय है कि15 अगस्त 1947 को देश की आजादी के दिन जो धार्मिक स्थल जिस स्थिति में थे उसी हालात में आगे भी चलते रहने का कानून बनाया गया था। मुस्लिम पक्षकारों ने जमीन विवाद की सुनवाई सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में किए जाने के क्षेत्राधिकार को लेकर पहले ही सवाल उठाए थे।

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