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Haldwani News: हाल ही में हल्द्वानी में काम करने वाले अभिषेक कुमार नामक युवक की अज्ञात परिस्थितियों में जहरीला पदार्थ खाने से मौत हो गई। उसकी बहन शिवानी, जो लगभग छह महीने से एक निजी कंपनी में काम कर रही थी, उसके शव को उनके गांव बेरीनाग, पिथौरागढ़ ले जाने के लिए एम्बुलेंस का खर्च उठाने में असमर्थ थी।

मदद के लिए एक स्थानीय टैक्सी मालिक से संपर्क करने के बाद उन्होंने अभिषेक के शव को टैक्सी की छत पर बांधकर ले जाया। आर्थिक रूप से संघर्ष कर रहा परिवार अपने इकलौते बेटे को खोने से तबाह हो गया, जिससे उनके बुजुर्ग माता-पिता को गंभीर भावनात्मक संकट का सामना करना पड़ा।

अभिषेक कुमार की कहानी ग्रामीण भारत में परिवारों के सामने आने वाली गहन चुनौतियों को उजागर करती है। माता-पिता ने उम्मीद जताई थी कि अभिषेक बुढ़ापे में उनका सहारा बनेगा, मगर जहर खाने के बाद अभिषेक की असामयिक मौत ने उसके परिवार को तोड़कर रख दिया है। उनकी बहन शिवानी, जो अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए अथक परिश्रम करती थी, खुद को एक विकट स्थिति में पाती है जब वह अपने भाई के शव को ले जाने के लिए परिवहन का खर्च वहन नहीं कर पाती।

आपको बता दें कि ये घटना गरीबी और अपर्याप्त संसाधनों के व्यापक मुद्दों की ओर भी इशारा करती है जिसका सामना कई परिवार करते हैं, खासकर ग्रामीण इलाकों में। अभिषेक के माता-पिता पर भावनात्मक बोझ, जो अब अपने इकलौते बेटे को खोने से जूझ रहे हैं, जीवन की नाजुकता और हाशिये पर रहने वाले लोगों द्वारा उठाए जाने वाले भारी बोझ की कड़ी याद दिलाता है।

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