हरिद्वार कुंभ : अलग ही होगा अखाड़ों की पेशवाई का आकर्षण

img

वैसे तो कुंभ मेला ही अपने आप में आकर्षण का केंद्र होता है, लेकिन कुंभ में अखाड़ों की पेशवाई का आकर्षण कुछ अलग ही है। इसमें हजारों की तादाद में नागा संन्यासी पतित पावनी गंगा में स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित करते हैं। नागा सन्यासियों के जुलुश को देखने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं। इस दौरान नागा सन्यासी पारंपरिक हथियारों का प्रदर्शन करते हुए हाथी, घोड़े, रथ और पैदल निकलते हैं। हर कोई नागा साधुओं के दर्शन और उनके आशीर्वाद के लिए लालायित रहता है।

Naga ascetics

उल्लेखनीय है कि लंबी तपस्या के बाद नागा सन्यासी कुंभ मेले के दौरान बाहर निकलते हैं और लाखों-करोड़ों श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देकर विश्व कल्याण की कामना करते हैं। नागा संन्यासियों की अलौकिक क्षमता और तेज देखकर दुनिया के लोग आश्चर्यचकित रह जाते हैं। सनातन संस्कृति और अखाड़ों की परंपराओं का निर्वहन करते हुए नागा सन्यासी कुंभ को दिव्य व भव्य रुप प्रदान करते हैं।

हरिद्वार कुंभ में अखाड़ों की पेशवाई की तिथियां तय हैं। महंत हरिगिरि ने बताया कि जूना अखाड़ा, आह्वान अखाड़ा और अग्नि अखाड़ा तीनों एक साथ शाही स्नान करते हैं। उन्होंने बताया कि 27 फरवरी को दोपहर 12.40 बजे ज्वालापुर स्थित पांडेवाला से अग्नि अखाड़े की पेशवाई निकलेगी, जो नगर से होते हुए जूना अखाड़े पहुंचकर अपनी छावनियों में प्रवेश करेगी। इसके बाद आह्वान अखाड़ा पांडेवाला से एक मार्च को दोपहर दो बजे अपनी पेशवाई निकालेगा।

इसी तरह आह्वान अखाड़े का पेशवाई जुलूस भी पांडेवाला ज्वालापुर से शुरू होगा और जूना अखाड़ा मायादेवी पहुंचेगा। महंत सत्यगिरि ने बताया कि तीनों अखाड़े शाही स्नान एक साथ ही करेंगे। परंपरा के अनुसार जूना अखाड़ा सबसे आगे रहता है, उसके पीछे आह्वान अखाड़ा और उसके पीछे अग्नि अखाड़ा स्नान करता है।

इस बार इस कुंभ में एक नया अखाड़ा किन्नर अखाड़ा भी पेशवाई करने जा रहा है। किन्नर अखाड़े ने अदालत में लंबी लड़ाई के बाद यह अधिकार हासिल किया है। बताते चलें कि साल 2015 में महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी द्वारा किन्नर अखाड़े की स्थापना की गई थी। 2019 में प्रयागराज अर्द्धकुंभ में किन्नर अखाड़ा अपनी विशेष पहचान बनाने में सफल रहा था। हालांकि अभी तक इस अखाड़े को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद से मान्यता नहीं मिली है।

अपने ख़ास रंग-रुप और साज-श्रृंगार के चलते किन्नरों की समाज में एक अलग पहचान रही है। हरिद्वार कुंभ मेले में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिलेगा। कुंभ में एक तरफ जहां किन्नरों का एक अलग स्वरुप और श्रृंगार देखने को मिलेगा, वहीँ देश के कोने-कोने से आए किन्नर कुंभ जब पेशवाई के लिए उतरेंगे तो ये पल भी कुछ ख़ास होगा।

Kumb mela

कुंभ मेला संपूर्ण विश्व में अपनी तरह का अनूठा आयोजन है। इसमें सभी जाति संप्रदाय के लोग आपस में मिलजुल कर पतित पावनी मां गंगा में स्नान कर अपने जीवन को सफल बनाते हैं। कुंभ मेले में तमाम संस्कृतियों और परंपराओं को भी जानने का मौक़ा मिलता है।

Kinnar arena kumbh

हरिद्वार के पांडेवाला स्थित श्री पंचायती धड़ा फिरहेडियान से कुंभ मेले की पेशवाई निकलती है। गत दिनों जूना अखाड़े के साधु-संतों के साथ कुंभ मेला अधिकारी दीपक रावत ने पांडेवाला स्थित श्री पंचायती धड़ा फिरहेडियान का निरीक्षण किया और संबंधित अधिकारियों को समग्र व्यवस्था दुरुस्त कराने का निर्देश दिया।

Related News