लखनऊ, 11 अक्टूबर यूपी किरण। हाथरस कांड को लेकर जांच में जुटी सुरक्षा जांच एजेंसी लगातार एक के बाद एक खुलासे कर रही है। इसी कड़ी में योगी सरकार को बदनाम करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया गया। सूत्रों की मानें तो बड़ी तादाद में पाकिस्तान और मिडिल ईस्ट से योगी सरकार के खिलाफ ट्वीट किए गए हैं।
हाथरस कांड के बहाने प्रदेश में दंगा भड़काने की साजिश रची गयी थी। इस मामले की जांच में जुटी सुरक्षा जांच एजेंसियों के हाथ कई ऐसे सुबूत मिले हैं। बीते दिनों यमुना एक्सप्रेसवे पर मांट टोल प्लाजा पर पकड़े गए चारों संदिग्धों के पास से जो साहित्य और दस्तावेज मिले हैं, उनके आधार पर ये मास्टरमाइंड हाथरस में सांप्रदायिक और जातीय दंगा भड़काने के लिए रणनीतिकार की भूमिका निभा रहे थे। इनका संबंध पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) एवं उसके सहसंगठन कैम्पस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) से पाया गया है। इस प्रकरण को लेकर एक बेवासाइड बनायी गई। विदेशों से 100 करोड़ रुपये फंडिंग की गई। सबसे ज्यादा पैसा मॉरिशस 50 करोड़ रुपये भेजे गए। अब जांच एजेंसी और ईडी इन रुपयों के बारे में जांच कर रही है। किन-किन खातों में पैसा भेजा गया है।
बंद हुए फर्जी अकाउंट, ट्वीट भी हुआ डिलीट
उत्तर प्रदेश की सरकार को बदनाम करने के लिए के पेड अभियान चलाकर अफवाहें फैलाई गई। नफरत पैदा करने वाली झूठी जानकारियां दी गई। सोशल मीडिया पर झूठ और अफवाह फैलाने के लिए दूसरे राज्यों और देश के एकाउंट्स का सहारा लिया गया। इस मामले में चंदपा थाने में गंभीर धाराओं में दर्ज मुकदमे में एजेंसियों के सक्रिय होते ही तमाम एकाउंट्स हुए बंद कर दिए गए। सरकार के खिलाफ किए गए ट्विट को भी डिलीट किया गया है।