कुशीनगर। (Health Checkup) कालाजार मरीजों के फॉलोअप में निकले अधिकारियों ने जहां चमड़ी कालाजार के मरीज के रूप में राजगौड़ को चिन्हित कर उपचार की राह बतायी, वहीं कालाजार मरीज आयुष को भी बचाव का तरीका बताया। सहायक मलेरिया अधिकारी अनिल कुमार चौरसिया ने बताया कि टीम सबसे पहले रामकोला गयी।
टीम में डब्ल्यूएचओ के जोनल को-आर्डिनेटर डॉ.सागर घोडेकर और पीसीआई के कंसल्टेंट एस एन पांडेय भी शामिल रहे। कालाजार मरीजों के फॉलोअप में निकली टीम सबसे पहले रामकोला ब्लॉक के ग्राम पंचायत पथरदेवा पहुंची। वहां पर कालाजार मरीज आयुष (आयु 4 वर्ष ) को देखा। उसके परिवार को तीन मेडिकेटेड ( एलएलआईएन) मच्छरदानी दी गयी । आयुष के परिजनों को मच्छरदानी लगाने का तरीका भी बताया।
आसपास के लोगों को पोस्टर देकर कालाजार बचाव के लिए जानकारी दी तथा लोगों को जागरूक किया। इसके बाद टीम नेबुआ नौरंगिया ब्लॉक के ग्राम पंचायत बरवां पहुंची। (Health Checkup) वहां पर देखा कि पहले कालाजार रोगी रहे राजगौड़ यादव के शरीर पर चमड़ी कालाजार के लक्षण हैं।उसे इलाज शुरू करने की सलाह दी। उस परिवार को भी तीन मेडिकेटेड मच्छरदानी देकर लगाने का तरीका बताया। वहां भी आसपास के लोगों को पोस्टर देकर कालाजार बचाव के लिए जागरूक किया।
डब्ल्यूएचओ के जोनल को आर्डिनेटर डॉ. सागर घोडेकर ने बताया कि कालाजार बालू मक्खी से फैलता है । यह मक्खी नमी वाले स्थानों पर पायी जाती है। यह छह फीट की ऊंचाई तक उड़ पाती है। (Health Checkup) उसके काटने से व्यक्ति बीमार हो जाता है। उसे बुखार होता है, और रूक-रूक कर चढ़ता उतरता है। लक्षण दिखने पर चिकित्सक को दिखाना चाहिए। इस बीमारी से मरीज का पेट फुल जाता है।भूख कम लगती है। शरीर काला पड़ जाता है। इस रोग का निःशुल्क इलाज जिला अस्पताल में उपलब्ध है। (Health Checkup)