खराब जीवन शैली और असंतुलित खान-पान पेट से जुडी समस्याओं की वजह बनता है। जैसे एसिडिटी और गैस की समस्या आदि। इस समस्या से राहत पाने के लिए उन्हें कई बार दवाओं का सहारा भी लेना पड़ जाता है लेकिन क्या आपको पता है कि योग करके इन दोनों समस्याओं से निजात पाई जा सकती है।
जी हां, एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में साफ़ बताया गया है कि ध्यान और योग करने से पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याओं जैसे कि एसिडिटी और गैस की समस्या से राहत पाया जा सकती है। तो आइए जान लेते हैं आखिर कौन से योग है जिससे इस समस्या से राहत मिलती है।
एसिडिटी और गैस से राहत पाने के लिए हलासन करना लाभदायक होता है। इस आसन को करते हुए शरीर हल की तरह बनाना देता है। यही कारण है कि इस आसन को हलासन कहते हैं। हलासन करने से कब्ज, अपच व अन्य पाचन संबंधित परेशानियों दूर होती है।
-पीरियड्स के समय महिलाओं को ये आसान नहीं करना चाहिए।
-गर्दन में चोट लगने पर भी हलासन करने से परहेज करने।
-गर्भवती महिलाएं भी इस आसन को न करें।
-सर्वाइकल या रीढ़ से जुड़ी समस्या होने पर भी हलासन से परहेज करें
वज्रासन को अंग्रेजी में डायमंड पोज के नाम से जाना जाता है। गैस और एसिडिटी की प्रॉब्लम को दूर करने में वज्रासन फायदेमंद माना जाता है। रिसर्च ,में कहा गया है कि यह शरीर में ब्लड के फ्लो को बढ़ाकर कब्ज, एसिडिटी, पाइल्स, आंतों की गैस आदि में आराम दिलाता है।
-घुटनों और पैरों में दर्द होने पर इस आसन को नहीं करना चाहिए।
-हाइपोटेंशन यानी निम्न रक्तचाप वाले लोगों को वज्रासन परहेज करना चाहिए।
-अगर आपके घुटनों की सर्जरी हुई है, तो भी इस आसन को करने से परहेज करें।
-गर्भवती महिलाओं को इस आसन को करने से बचना चाहिए।
-रीढ़ की हड्डी में समस्या होने पर इस आसन से परहेज करें।
उष्ट्रासन को अंग्रेजी में केमल पोज कहा जाता है। इस आसन को एसिडिटी और गैस की समस्या के लिए कारगर इलाज माना जा सकता है। इस आसन को करने से पेट संबंधी कई समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
-हर्निया और उच्च रक्तचाप के मरीजों को ये आसान नहीं करना चाहिए।
-किसी भी तरह का दर्द हो, तो भी इस आसन को नहीं करना चाहिए।
पवनमुक्तासन करने से भी एसिडिटी और गैस की समस्या में लाभ मिलता है। इस आसन को रोजाना करने से मल त्याग की प्रक्रिया में सुधार होने के साथ ही कब्ज में भी राहत मिलेगी।
-पीठ और कमर में दर्द या चोट होने पर इस योग को नहीं करना चाहिए।
-इस योगासन को भोजन करने के बाद बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।