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तेलंगाना विधानसभा इलेक्शन की पृष्ठभूमि में 30 नवंबर को मतदान हुआ था। परिणाम 3 दिसंबर को घोषित किया जाएगा। इस बीच एग्जिट पोल के अनुसार, तेलंगाना में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिलता दिख रहा है। इसके बावजूद कांग्रेस आलाकमान अलर्ट मोड में है। इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस खरीद-फरोख्त से बचने के लिए तेलंगाना में चुने गए अपने विधायकों को बेंगलुरु या किसी अन्य शहर भेजने पर विचार कर रही है।

तेलंगाना राज्य का गठन 2014 में हुआ था, तब से बीआरएस ने राज्य पर शासन किया है। तेलंगाना कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रेवंत रेड्डी राज्य में कांग्रेस की जीत को लेकर आश्वस्त हैं। हालांकि, सूत्रों के अनुसार, पार्टी फिलहाल विधायकों को दूसरी जगह शिफ्ट करने की योजना नहीं बना रही है और अंतिम फैसला रविवार को नतीजे घोषित होने के बाद लिया जाएगा। इस संबंध में एक अन्य वरिष्ठ नेता ने कहा कि अगर कांग्रेस को राज्य में करीब 70 सीटें नहीं मिलती हैं तो विधायकों को बेंगलुरु या किसी अन्य शहर में भेजने का प्रस्ताव है। ऐसे में ये लोग यहां के होटल या रिसॉर्ट में भी रुक सकते हैं।

तेलंगाना विधानसभा में कुल 119 सीटें हैं। साथ ही सरकार बनाने के लिए 60 सीटों की जरूरत है। कई एग्जिट पोल में राज्य में कांग्रेस को बहुमत मिलने की संभावना जताई गई है। अगर कांग्रेस को बहुमत मिलता है तो वह राज्य में सरकार बना सकती है। इसलिए जीत के बाद विधायकों को किसी गुप्त स्थान पर भेजा जा सकता है। साथ ही कहा जा रहा है कि कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार इसमें अहम रोल अदा कर सकते हैं।
 

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